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मोहम्मद असफान, तेलंगाना के एक युवक को रूस सरकारी नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन उसे सीमा पर यूक्रेन से लड़ने भेज दिया गया, समुद्र तट पर मौत हुई

अनियंत्रित नौजवानों के लिए भारतीय सेना में शामिल होना एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन कुछ अपराधिक तंत्रों का शिकार हो जाना कठिनाईयों से भरा होता है। तेलंगाना के एक युवक, मोहम्मद असफान, की यही दुर्भाग्यपूर्ण कहानी है, जो कि एक रूस सरकारी नौकरी के वादे से लुभाकर सीमा पर यूक्रेन के साथ लड़ने को भेज दिया गया था, और उन्हें वहाँ समुद्र तट पर जान की आहुति देनी पड़ी।

असफान का अंतिम संघर्ष, उनकी आत्महत्या से भी अधिक दुखद है। उन्हें सीमा पर नहीं, बल्कि यूक्रेन में लड़ाई में भेज दिया गया था, जहां उन्होंने अपनी जान गंवा दी। उनके परिवार ने इसे अत्यंत दुखद और अनैतिक माना है।

इस घटना का सीधा संदेश है कि युवा और उनके परिवारों को अपनी सुरक्षा और भविष्य की स्थिति पर विश्वास करने के लिए अपने नौकरी और अधिकारों की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आज के दिनों में, सावधानी के बिना इस तरह की भरपूर स्कीमों का शिकार होना खतरनाक हो सकता है।

सरकारों और संगठनों को भी युवाओं के साथ धोखाधड़ी और गुमराही के खिलाफ कड़े कानूनी और नैतिक कदम उठाने चाहिए। उन्हें नौकरी या रोजगार के वादे करने से पहले, उनके अधिकारों की सुरक्षा और स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए।

असफान की मृत्यु ने एक बड़ी सचाई को उजागर किया है, और उसके प्राणों की बलिदान को समझाने के लिए हमें सभी गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हमें सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता को याद दिलाती है।

 

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