मेरठ के सेंट्रल मार्केट में बुलडोजर कार्रवाई, पलक झपकते ही बिल्डिंग जमींदोज; VIDEO वायरल

मेरठ सेंट्रल मार्केट के परिसर के जमींदोज करने का मामला सामने आया है. यहां पर ताश के पत्ते की तरह सेंट्रल मार्केट का कॉम्पलेक्स ढह गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आवास विकास परिषद की बड़ी कार्रवाई की गई है. पलक झपकते ही जमींदोज होने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. जिस समय इसे गिराया गया उस समय मौके पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी थी. ये मामला मेरठ के प्रसिद्ध सेंट्रल मार्केट का है.
अधिकारियों ने शास्त्री नगर के सेंट्रल मार्केट में एक आवासीय भूखंड पर अवैध रूप से बनाए गए 22 दुकानों वाले एक व्यावसायिक परिसर को ध्वस्त करना शुरू कर दिया. यह कार्रवाई दिसंबर 2024 में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद की गई. मेरठ आवास एवं विकास परिषद द्वारा की गई यह कार्रवाई अतिक्रमणों को लेकर एक दशक से चल रहे कानूनी विवाद का समाधान है. सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल मार्केट परिसर के एक हिस्से को ध्वस्त करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2013 के निर्देश को बरकरार रखा था.
तीन महीने का समय दिया गया था
व्यापारियों को इसे खाली करने के लिए तीन महीने का समय दिया था. बाद में उनकी समीक्षा याचिका खारिज कर दी गई थी. अधिकारियों ने बताया था कि तोड़फोड़ शनिवार से शुरू हुई और रविवार को भी जारी रहेगी. यह परिसर आवासीय भूखंड संख्या 661/6 पर बनाया गया था और इसे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने अवैध घोषित किया था.
इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी आवास एवं विकास परिषद, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को ध्वस्तीकरण आदेश पर कार्रवाई न करने के लिए अवमानना नोटिस जारी किया था. याचिकाकर्ता लोकेश खुराना ने इसके बाद अवमानना याचिका दायर की, जिस पर अदालत ने गृह सचिव, आवास आयुक्त, एसएसपी मेरठ और स्थानीय एसएचओ से 27 अक्टूबर, 2025 तक लिखित जवाब मांगा.
व्यापारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ध्वस्तीकरण आदेश की समीक्षा की मांग की थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई. अधिकारियों ने बताया कि यह संपत्ति मूल रूप से वीर सिंह के नाम पर पंजीकृत थी. जिन्होंने बाद में हाउसिंग बोर्ड से अनुमति लिए बिना ही इसके कुछ हिस्से व्यापारियों को बेच दिए.




