हरियाणा

युवाओं में जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता लाना समय की मांग: डॉ. लोकेश

पर्यावरण पंचायत: जलवायु परिवर्तन से निपटने का सामुदायिक मॉडल

भिवानी, (ब्यूरो):  दिल्ली के विश्व युवक केंद्र में आयोजित भव्य युवा महोत्सव ने स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती के अवसर पर युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें नई ऊर्जा देने का कार्य किया। 9 और 10 जनवरी 2025 को आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में देशभर से 200 से अधिक युवाओं ने भाग लिया। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर जागरूक करना था। स्टैंड विद नेचर के संस्थापक डॉ. लोकेश भिवानी ने जलवायु परिवर्तन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने पर्यावरण पंचायत मॉडल को प्रस्तुत किया, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन केवल एक पर्यावरणीय समस्या नहीं है; यह मानवता के अस्तित्व के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। इसे रोकने के लिए हमें सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है, और इसके लिए युवाओं को नेतृत्व संभालना होगा।
डॉ. लोकेश ने बताया कि पर्यावरण पंचायत एक ऐसा मंच है, जहां स्थानीय समुदाय जलवायु और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हैं, समाधान ढूंढते हैं और उन्हें कार्यान्वित करते हैं। उन्होंने कहा, हमने कई जगहों पर पर्यावरण पंचायत का आयोजन किया है, और इसका उद्देश्य हर गांव, हर मोहल्ले में सामूहिक प्रयासों के जरिए पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।
अपने संबोधन में उन्होंने युवाओं को यह संदेश दिया कि व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर छोटे-छोटे बदलाव बड़े परिणाम ला सकते हैं। उन्होंने कहा, पेड़ लगाना, प्लास्टिक का कम उपयोग करना, जल संरक्षण करना और जागरूकता फैलाना जैसे कदम हमें जलवायु संकट से निपटने में मदद कर सकते हैं।
लोकेश ने युवाओं को नवाचार और तकनीकी समाधानों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी के पास टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा साधन है, और इसे पर्यावरण संरक्षण के लिए एक हथियार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
कार्यक्रम के अन्य वक्ताओं ने भी स्टैंड विद नेचर के प्रयासों की सराहना की।
युवा महोत्सव के पहले दिन के तकनीकी सत्र में अंतरराष्ट्रीय साइकिलिस्ट श्री योगेंद्र सिंह डागर, पूर्व कप्तान, राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम, डॉ. बबीता बामल, और टेम्पल ऑफ अंडरस्टैंडिंग इंडिया फाउंडेशन के महासचिव, डॉ. ए. के. मर्चेंट ने युवाओं को अपने अनुभवों और विचारों से प्रेरित किया। दूसरे सत्र में पीएचआरआईआई की प्रोग्राम डायरेक्टर और क्लीनिकल रिसर्च फिजिशियन डॉ. देवांशी सोमैया ने सर्विक कैंसर के बारे में युवाओ को जागरूक किया ।
इस दो दिवसीय महोत्सव ने युवाओं को यह समझने का अवसर दिया कि वे किस तरह सामुदायिक भागीदारी और व्यक्तिगत प्रयासों से जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर प्रभाव डाल सकते हैं।

Related Articles

Back to top button