माइग्रेन से राहत पाएं: एक्सपर्ट से जानें नेचुरल तरीके से दर्द को कैसे करें कंट्रोल

आज की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में सिरदर्द आम बात है. कई लोगों के सिर में एक तरफ बहुत तेज दर्द होता है. यह सामान्य नहीं बल्कि माइग्रेन की समस्या के कारण हो सकता है. इसमें दूसरे कई लक्षण भी नजर आते हैं. यह आजकल बहुत आम होता जा रहा है, जिसके पीछे लाइफस्टाइल, डाइट और कई कारण माने जाते हैं. यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है. जिसका असर व्यक्ति की व्यवहार और पर्सनल लाइफ पर भी दिखाई देता है. माइग्रेन को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है. लेकिन इससे बचाव के लिए कुछ टिप्स अपनाए जा सकते हैं.
माइग्रेन का दर्द होने पर तेज आवाज और रोशनी के कारण यह तकलीफ बढ़ सकती है. माइग्रेन सिर्फ साधारण सिरदर्द नहीं, बल्कि दिमाग और नसों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है. इसलिए इस स्थिति में सही डाइट और लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है. आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि माइग्रेन होने का कारण क्या है और किस तरह से इससे बचाव किया जा सकता है.
माइग्रेन होने का कारण
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर जुबैर सरकार ने बताया कि माइग्रेन दिमाग की नसों और उसमें होने वाले केमिकल बदलावों से जुड़ी समस्या है. जब ब्रेन की नसें असामान्य रूप से सेंसिटिव हो जाती हैं तो हल्की-सी या तेज रोशनी, तेज आवाज, स्ट्रेस या हार्मोनल बदलाव भी सिरदर्द को ट्रिगर कर सकते हैं. माइग्रेन में सिर के एक तरफ तेज दर्द महसूस होता है. इसमें मतली, उल्टी, रोशनी या तेज आवाज से परेशानी भी हो सकती है. यह सामान्य सिरदर्द नहीं बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसका सही पहचान और इलाज कराना जरूरी होता है.
कौन से फैक्टर माइग्रेन को बढ़ाते हैं?
माइग्रेन के पीछे कई ट्रिगर फैक्टर हो सकते हैं, जो सिर में दर्द और दूसरे लक्षणों को बढ़ा देते हैं. सबसे आम कारणों में कम या ज्यादा नींद और हार्मोनल बदलाव शामिल हैं. कुछ लोगों में खाली पेट रहना या ज्यादा देर भूखे रहना भी माइग्रेन का कारण बन सकता है. इसके अलावा, कुछ खाने की चीजें जैसे बहुत मीठा, ज्यादा कैफीन, चॉकलेट, पनीर, प्रोसेस्ड फूड और शराब माइग्रेन को बढ़ावा देते हैं. तेज रोशनी, तेज आवाज या खुशबू जैसी सेंसेशन भी सिरदर्द को ट्रिगर कर सकती हैं. इसके अलावा मौसम बदलना, गर्मी या ठंड के अचानक प्रभाव, और आंखों या गर्दन में ज्यादा स्ट्रेस भी माइग्रेन के लक्षणों को बढ़ा सकता है. इसलिए माइग्रेन वाले मरीजों को अपने ट्रिगर फैक्टर पहचानकर उनसे बचाव करना चाहिए और समय पर एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए. क्योंकि कई बार अनजाने में की गई गलती इस समस्या को बढ़ा सकती है.
लक्षण और बचने के उपाय
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में रिष्ठ सलाहकार, न्यूरोलॉजी डॉक्टर अनिमेष गुप्ता ने बताया माइग्रेन के लक्षण साधारण सिरदर्द से अलग होते हैं. इसमें सिर के एक तरफ या पूरे सिर में तेज दर्द, मतली, उल्टी, रोशनी या तेज आवाज से परेशानी होने, धुंधली नजर आना और कभी-कभी हाथ-पांव में कमजोरी या सुन्नपन महसूस होना शामिल है. कुछ लोगों को ऑरा भी होता है, यानी सिरदर्द शुरू होने से पहले आंखों के सामने चमकती रोशनी या झिलमिलाते धब्बे दिखाई देते हैं.
माइग्रेन से बचाव के लिए सबसे जरूरी है ट्रिगर फैक्टर की पहचान करना और उनसे बचना. इसलिए रोजाना नींद पूरी करना, बैलेंस डाइट, दिन में सही मात्रा में पानी जरूर पीएं, स्ट्रेस को मैनेज करें. तेज रोशनी और तेज आवाज से परेशानी होती है, तो इससे बचना भी जरूरी है.
डाइट में क्या खाएं और क्या नहीं?
कई फूड्स माइग्रेन की समस्या को बढ़ा सकते हैं. इसलिए उन्हें खाने से परहेज करना चाहिए. खाने में ताजा फल और सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन युक्त आहार जैसे दाल और अंडा शामिल करना चाहिए. डिहाइड्रेशन से सिरदर्द बढ़ सकता है, इसलिए सही मात्रा में पानी पिएं. माइग्रेन की समस्या होने पर प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड स्नैक्स, बहुत मीठा, चॉकलेट, अधिक कैफीन, शराब, पनीर और ओल्ड या फर्मेंटेड चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए. इसके साथ ही ध्यान रखें कि ज्यादा देर तक भूखे न रहें. रोजाना समय पर खाना जरूर खाएं. चॉकलेट खाने से भी परहेज करना चाहिए. क्योंकि इसमें टाय्रामिन होता है जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है.
माइग्रेन को कंट्रोल करने के नेचुरल तरीके
माइग्रेन को कंट्रोल करने के लिए नेचुरल तरीके और होम रेमेडीज बहुत मददगार हो सकते हैं. सही लाइफस्टाइल के साथ ही स्ट्रेस को कम करने के लिए आप कुछ तरीके अपना सकते हैं. इसके लिए आप योग, प्राणायाम और मेडिटेशन कर सकते हैं. ठंडी या गर्म सिकाई सिर पर लगाने पर से दर्द में राहत मिल सकती है. पेपरमिंट और लैवेंडर ऑयल की खुशबू से भी माइग्रेन को कम करने में मदद मिल सकती है. कुछ हर्बल टी जैसे अदरक की चाय या कैमोमाइल टी माइग्रेन के लक्षणों को कम कर सकती हैं. जब दर्द ज्यादा हो तो तेज रोशनी और शोर से दूर रहना और आराम के लिए अंधेरे और शांत कमरे में बैठना भी फायदेमंद है.
नॉर्मल सिर दर्द और माइग्रेन में अंतर
नॉर्मल सिरदर्द और माइग्रेन में फर्क समझना बहुत जरूरी है. नॉर्मल सिरदर्द में अक्सर हल्का या फिर सामान्य दर्द होता है और आमतौर पर पूरे सिर में फैलता है. यह भी खराब लाइफस्टाइल और डाइट या फिर थकावट के कारण हो सकता है. आम तौर पर आराम, पानी पीने या हल्की दवा से ठीक हो जाता है. वहीं अगर माइग्रेन की बात करें तो यह एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है. इसमें सिर का एक तरफ या कभी-कभी दोनों तरफ तेज और धड़कन जैसी दर्द महसूस होती है. साथ ही कुछ दूसरे लक्षण दिखाई देते हैं. कुछ मामलों में धुंधली नजर आने लगता है. माइग्रेन के दौरे कई घंटे या कभी-कभी पूरे दिन तक रह सकते हैं और बार-बार हो सकते हैं. इसलिए माइग्रेन और सामान्य सिरदर्द का इलाज और बचाव अलग होता है.
माइग्रेन है तो इन बातों का रखें ध्यान
अगर किसी व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या है तो ऐसे में माइग्रेन के मरीज को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए. सबसे पहले रोजाना सही समय पर सोएं और 7 से 8 घंटे की पूरी नींद लें और समय पर खाना खाएं. सही मात्रा में पानी पिएं और ज्यादा देर तक भूखे न रहें. माइग्रेन ट्रिगर करने वाले खाने की चीजों से परहेज करें. लंबे समय तक स्क्रीन देखने से बचें और आंखों की थकान कम करें. यदि सिरदर्द शुरू हो जाए, तो शांत और अंधेरे कमरे में आराम करें, ठंडी या गर्म सिकाई करना इस दौरान फायदेमंद हो सकता है. इससे आपको दर्द में आराम मिलेगा. माइग्रेन की बार-बार की समस्या हो या दर्द बहुत तेज हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. वह आपकी जरूरत के मुताबिक आपको सही दवा लेने की सलाह देंगे.
ठंडी सिकाई सिर की नसों को आराम पहुंचता है, जिससे सूजन और दर्द कम होता है. ठंडी सिकाई लगाने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और सिर में ठंडक लगने से मानसिक तनाव कम होता है, जिससे माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद मिलती है. इसके लिए आप कोटा पैक का उपयोग कर सकते हैं. लेकिन ध्यान दें कि कपड़े में लपेटकर लगाएं ताकि स्किन को नुकसान न हो. इसके अलावा गर्म सिकाई भी मांसपेशियों को आराम देती है और तनाव और बेचैनी को कम करती है, जिससे दर्द से राहत मिल सकती है. गर्दन, कंधे या माथे के पीछे की हिस्सों में सिकाई कर सकते हैं. ध्यान रखें गर्म बहुत ज्यादा न हो, इससे स्किन जल सकती है.
माइग्रेन की समस्या से पूरी तरह से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है. लेकिन इससे बचाव किया जा सकता है. इसके लिए आपको डॉक्टर द्वार बताई इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर आपको एक तरफ सिर में बहुत तेज और बार-बार दर्द होता है और ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई देते हैं, तो ऐसे में आपको किसी न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श जरूर करना चाहिए. क्योंकि अगर इसका इलाज समय रहते शुरु न करवाया जाए, तो क्रोनिक माइग्रेन की समस्या हो सकती है. सिरदर्द या फिर इसमें दिखाई देने वाले दूसरे लक्षणों के कारण व्यक्ति को रोजाना के काम करने में परेशानी हो सकती है. इसके साथ ही धूम्रपान और ज्यादा शराब पीने से भी परहेज करें. कई बार यह भी माइग्रेन और सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं.




