भिवानी, (ब्यूरो): देश में शिक्षा को समूल नष्ट करने की और अग्रसर है वर्तमान भाजपा सरकार । यह विचार संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक दलीप सिंह सांगवान ने 7 जनवरी को यूजीसी द्वारा देशभर के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर की भर्ती के लिए जारी पात्रता संबंधी ड्राफ्ट हिदायतों पर चिंता व्यक्त करते हुए रखे । उन्होने बताया कि ड्राफ्ट हिदायतों के लागू होते ही राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा पास करने की आवश्यकता नहीं रहेगी । संबंधित विषय में स्नातक या स्नातकोत्तर परीक्षा पास करने की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी । इतिहास या अन्य किसी विषय से स्नातक किए हुए व्यक्ति फिजिक्स व केमिस्ट्री पढ़ाते नजर आएंगे क्योंकि हर भर्ती के लिए संबन्धित विषय में पीएचडी को जरूरी कर दिया जाएगा बेसक उस विषय को अभ्यर्थी ने कभी न पढ़ा हो । यूजीसी की मार्फत जारीं सरकार के ड्राफ्ट आदेशों को देखते हुए साफ नजर आ रहा है की भाजपा सरकार शिक्षा को समूल नष्ट करने की और अग्रसर हो रही है । कॉलेज व विश्वविध्यालयों में सालों से अस्थायी रह कर शिक्षा दे रहे हजारों सहायक प्रोफेसर को स्थायी करने की और ध्यान न देकर यह सरकार तुगलकी हिदायतें लागू करके शिक्षा को बरबादी की और ले जा रही है । ड्राफ्ट हिदायतों के लागू होने पर सम्पन्न वर्ग के बच्चे तो दुनियाँ के किसी भी देश से सिक्षा ग्रहण कर सकेंगे परंतु मध्यम व निचले तबके के नौजवान शिक्षा से वंचित हो जाएंगे, पशुवत जीवन जीने को बाध्य होंगे और यही इस सरकार का इरादा है । उन्होने शिक्षाविदों, विचारकों व समस्त देशवासियों से अनुरोध किया की यूजीसी की साइट पर उपलब्ध ड्राफ्ट गाइडलाइंस को पढ़ें व इनके लागू होने से पहले यूजीसी के साथ पत्राचार करते हुए विरोध में आवाज बुलंद करें । यदि ये सरकार इन गाइडलाइंस को लागू करने में सफल रही तो देश में शिक्षा का सत्यानाश निश्चित है ।
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