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भिवानी नगर परिषद घोटाला, CBI करेगी मामले की जांच, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया आदेश

पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने भिवानी नगर परिषद घोटाले की जांच CBI को सौंपने का आदेश दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता सुशील वर्मा ने हाई कोर्ट में सितंबर 2022 में याचिका लगाई थी।

पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने भिवानी नगर परिषद घोटाले की जांच CBI को सौंपने का आदेश दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता सुशील वर्मा ने हाई कोर्ट में सितंबर 2022  में याचिका लगाई थी। आज सात मई को जस्टिस विनोद भारद्वाज ने सीबीआई जांच का फैसला सुनाया। CBI को जांच पूरी करने के लिए चार महीने का समय दिया। हरियाणा सरकार को निर्देश जारी।

अगली सुनवाई दस अक्टूबर को होगी। दो सौ करोड़ का था भिवानी नगर परिषद् घोटाला। मार्च 2022 में हुआ था घोटाले का पर्दाफाश। सुशील वर्मा के नेतृत्व में भिवानी बचाओ आंदोलन के बैनर के साथ भिवानी  शहर के नागरिकों ने सड़क पर उतरकर करोड़ों के गबन के विरोध में कई महीनों तक आंदोलन किया था। मई 2022 में सुशील और कई नागरिकों ने आमरण अनशन भी किया था।

कुल पांच एफआईआर दर्ज हुई थी। भिवानी नगरपरिषद के तत्कालीन चेयरमैन रणसिंह यादव, वायस चेयरमैन मामन चंद सहित पचास सफेदपोशों और बड़े अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज हुए थे। नगरपरिषद के ईओ, सचिव व एक्सिस बैंक के मैनेजर सहित सभी आरोपी गिरफतार हुए थे। शुरुआती जांच इकोनॉमिक सेल ने की थी उसके बाद नागरिकों के विरोध के दबाव में सरकार ने जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दी थी।

घोटाले के आरोपियों से लगभग पांच करोड़ की नगदी व संपत्ति जब्त हुई थी। एक्सिस बैंक ने पद्रह करोड़ सरकार को वापिस लौटाए थे। सुशील वर्मा ने सितंबर 2022 में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर करके नगरपरिषद के घोटालों की जांच सीबीआई से करवाने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने सीबीआई व हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था। आज जस्टिस विनोद भारद्वाज ने सुशील वर्मा की याचिका के पक्ष में फैसला सुनाया। सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपा और चार महीने में जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता सुशील वर्मा ने व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में पेश होकर भिवानी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। मामले की अगली सुनवाई दस अक्टूबर को होगी।

सुशील वर्मा ने कोर्ट में रखे ये तर्क: 

  • FIR NO 149- 10 मार्च  2022 मुख्य आरोपी विनोद गोयल के खिलाफ दो साल बाद भी एसीबी ने चालान पेश नहीं किया।
  • FIR NO 206 – 10 अप्रैल 2022 सभी आरोपी सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी होने के बावजूद एफआईआर में पीसी एक्ट नही लगाया।
  • FIR NO 224 – 16 अप्रैल 2022 सभी आरोपी सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी होने के बावजूद एफआईआर में पीसी एक्ट नही लगाया।
  • FIR NO 251 – 26 अप्रैल 2022 सभी आरोपी सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी होने के बावजूद एफआईआर में पीसी एक्ट नही लगाया।
  • FIR NO 469- 17 अप्रैल 2022 पुलिस ने अभी तक जांच पूरी करके कोर्ट में चालान पेश नहीं किया।

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