CRIME

डिजिटल गिरफ्तारी जैसे नए उभरते खतरों और उनके दुष्परिणामों से रहें सावधान: नरेश

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा साइबर अपराध पर कार्यशाला आयोजित

हिसार (ब्यूरो): जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल के निर्देशानुसार व सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अशोक कुमार के कुशल मार्गदर्शन में साइबर अपराधों से बचाव और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन शनिवार को यहां एडीआर सेंटर के सभागार में किया गया। इस अवसर पर प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अशोक कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे। इस कार्यशाला में पैनल एडवोकेट, पैरा लिगल वालंटीयर, लीगल एड डिफेंस काउंसिल मौजूद थे। इस अवसर पर साइबर पुलिस के हैड कांस्टेबल नरेश कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित पैनल एडवोकेट, पैरा लिगल वालंटीयर, लीगल एड डिफेंस काउंसिल को साइबर सुरक्षा के कानूनी पहलुओं, सोशल मीडिया के दुरुपयोग, डिजिटल फ्रॉड, बैंकिंग धोखाधड़ी और राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन (1930) जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा किया गया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार साइबर अपराधियों से सतर्क रहना चाहिए और किन प्रक्रियाओं के माध्यम से वे सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने डिजिटल गिरफ्तारी जैसे नए उभरते खतरों और उनके दुष्परिणामों पर भी प्रकाश डाला। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, प्रश्न पूछे और साइबर सुरक्षा से जुड़ी अपनी जिज्ञासाएं साझा कीं। चर्चा में यह सुझाव भी सामने आया कि शैक्षणिक संस्थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की जानी चाहिए, जिससे पीडि़तों को शीघ्र सहायता मिल सके और शिकायतों का त्वरित निवारण हो। सीजेएम अशोक कुमार ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम युवाओं और आम नागरिकों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

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