भिवानी, (ब्यूरो): विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हरियाणा की ऐतिहासिक भूमि पानीपत से आज से 10 वर्ष पूर्व शुरू किया गया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के सकारात्मक परिणाम मिले है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में इस अभियान को लगातार सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से लिगांनुपात में सहरायनीय सुधार हुआ है। समाज में जागरूकता के कारण कई गांवों में तो लड़कियों की संख्या लडक़ों से ज्यादा है। इसलिए समाज के प्रबुद्ध नागरिकों को इस कार्य में सहयोग देना चाहिए। इस अभियान में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ बेटियों को समृद्ध भी बनाना है और लिंग अनुपात 100 फीसदी संतुलन में होना चाहिए। विधायक सर्राफ स्थानीय पंचायत भवन में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के 10 वर्ष पूरे होने पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ बेबनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम व बेटियों का सम्मान रैली को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उपायुक्त महावीर कौशिक, सिविल सर्जन डॉ. रघुवीर शांडिल्य, जिला शिक्षा अधिकारी संतोष नागर तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी वैशाली ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली प्रदेश व भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के 10 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के उपलक्ष्य में महिला एवं बाल विकास विभाग में 22 जनवरी से 8 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य बेटियों के घटते लिंगानुपात को रोकना तथा महिलाओं को शिक्षित करना और उन्हें सशक्त बनाना है। विधायक ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के अन्तर्गत हरियाणा सरकार द्वारा 24 अगस्त 2015 को आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत राज्य सरकार के अनुसूचित जाति, बीपीएल परिवारो की पहली लडक़ी और अन्य जाति से सम्बन्धित दूसरी लडकी के जन्म पर एलआईसी में 21 हजार रूपए की राशि निवेश करगी। 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर लडक़ी को यह राशि दी जाएगी। सरकार द्वारा 2017 में गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को तीन किस्तों में पांच हजार रूपए दिए जाते है। हरियाणा सरकार ने भी ऐसी ही एक और योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को दूसरे बच्चा लडक़ा होने पर एक किश्त में पांच हजार रूपए का मातृत्व लाभ दिया जाएगा। बच्चों और महिलाओं में कुपोषण कम करने, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और नामांकन दर को बढ़ाने, बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी शिक्षा में सुधार करने के लक्ष्य के साथ भारत सरकार ने 8 मार्च 2018 को पोषण अभियान शुरू किया। डीसी महावीर कौशिक ने कहा कि बेटियों को बचाना और पढ़ाना भी है। उन्होंने कहा कि जिले का लिंगानुपात वर्तमान में 919 है। हमे सामूहिक प्रयास करने चाहिए ताकि भिवानी जिला प्रदेश में लिंगानुपात में प्रथम स्थान पर आए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार स्वस्थ महिला स्वस्थ समाज के नारे को सार्थक करने के लक्ष्य से एक कन्या योजना का क्रियान्वयन कर रही है, जिसका नाम महिला एवं किशोरी सम्मान योजना है इसके अंतर्गत 10 से 45 वर्ष की बीपीएल व अंत्योदय अन्न योजना परिवारों की महिलाओं और किशोरियों को हर महीने मुफ्त सैनिटरी नैपकिन दिए जा रहे है। वन स्टॉप सेंटर भी भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसे महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने व पीडि़त महिलाओं को तुरन्त सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों के लालन-पालन में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने क्रेच सेंटर खोलने का निर्णय लिया। जिसका समय प्रात: 09:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक रहता है। इससे कामकाजी महिलाएं अपनी रोजी-रोटी तथा बच्चों की परवरिश दोनों का काम एक साथ सुचारू रूप से कर पाती है। भिवानी जिले में 21 क्रेच सेंटर खोले जा चुके है। आंगनवाडी केन्द्रों में बच्चों की प्री स्कूल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भिवानी जिले में 173 आंगनवाडी केन्द्रों को प्ले स्कूल में परिवर्तित किया गया है ताकि छोटे बच्चो को स्कूल जाने से पहले मूलभूत शिक्षा को ज्ञान हो।
सिविल सर्जन डॉ. रघुवीर शांडिल्य ने कहा कि हमारे समाज में नारी शक्ति को सर्वोपरि माना गया है। नारी शक्ति से सभ्य व संस्कारवान समाज की स्थापना होती है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीएनडीटी एक्ट को शक्ति से लागू किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी वैशाली ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने बच्चों व गर्भवती महिलाओं में पोषण को कम करने के लिए मुख्यमंत्री दुग्ध उपहार योजना चलाई है। इसके तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को वर्ष में 300 दिन 200 एमएल प्रतिदिन के हिसाब से दूध, प्रोटीन मिल्क बार तथा खीर उपलब्ध करवाए जा रहे है। जिला शिक्षा अधिकारी संतोष नागर ने कहा कि बेटिया किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है। इसलिए समाज में बेटा व बेटी में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। आज बेटियां हर क्षेत्र में विश्व में नाम रोशन कर रही है। बेटियों को बेटों के बराबर का हक देकर उनको भी बिना भेदभाव के शिक्षा दिलानी चाहिए।