जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
महिलाओं के अधिकार, विधिक सहायता एवं न्यायिक अधिनियमों पर विशेष सत्र

भिवानी, (ब्यूरो): जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी. आर. चालिया के निर्देशानुसार एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार ने की, जिसमें मध्यस्थों, पैनल अधिवक्ताओं और पैरा लीगल वालंटियर्स को विभिन्न कानूनी विषयों पर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता अनुराधा ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीडऩ अधिनियम, 2013 पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कानून कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण प्रदान करने के लिए लागू किया गया है। इसमें किसी भी प्रकार के यौन उत्पीडऩ की शिकायत करने, जाँच प्रक्रिया और निवारण उपायों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और उत्पीडऩ की स्थिति में कानूनी सहायता लेनी चाहिए। कार्यक्रम में लीगल एड डिफेंस काउंसलर की डिप्टी चीफ एडवोकेट बबली पवार ने शिक्षा का हक: नई राह, नई पहचान नामक विशेष अभियान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह अभियान समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं को शिक्षा के अधिकार और कानूनी सहायता के प्रति जागरूक करने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान के तहत गरीब और वंचित बच्चों को मुफ्त शिक्षा और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में लीगल एड डिफेंस काउंसलर के सहायक अधिवक्ता विनोद किशोर ने न्याय किशोर अधिनियम, 2015 और इसके आदर्श नियम, 2016 पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम उन किशोरों के पुनर्वास और सुधार की दिशा में काम करता है जो किसी अपराध में संलिप्त पाए जाते हैं। उन्होंने नवीनतम केस कानूनों के उदाहरण देकर इस अधिनियम के महत्व को समझाया। इसके अलावा, उन्होंने पॉक्सो अधिनियम, 2012 (बाल यौन शोषण से संरक्षण अधिनियम) और इसके नियमों की मुख्य विशेषताओं पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम बच्चों को यौन उत्पीडऩ और यौन शोषण से बचाने के लिए लागू किया गया है। इसमें अपराधियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है और पीडि़त बच्चों को विशेष सुरक्षा और सहायता दी जाती है। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को न्यायिक प्रक्रिया, कानूनी सहायता योजनाओं और विभिन्न अधिनियमों के तहत मिलने वाले अधिकारों की जानकारी दी गई।