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NSDL IPO खुलते ही निवेशकों में मची होड़! ₹14,400 के निवेश पर इतना मिल सकता है मुनाफा

देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) का IPO आज से खुल गया है. ये वही कंपनी है जो भारत के डीमैट सिस्टम की रीढ़ मानी जाती है. IPO में निवेशक 1 अगस्त 2025 तक आवेदन कर सकते हैं. कुल इश्यू साइज ₹4,011.60 करोड़ का है और यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) आधारित है, यानी कंपनी इस इश्यू से कोई नया इक्विटी शेयर जारी नहीं कर रही.

कितना लगेगा पैसा?

NSDL ने अपने IPO के लिए प्राइस बैंड ₹760 से ₹800 प्रति शेयर तय किया है. रिटेल निवेशकों के लिए 1 लॉट में 18 शेयर हैं. यानी अगर आप अपर प्राइस बैंड पर आवेदन करते हैं तो ₹13,680 का निवेश करना होगा. निवेशक 18 के गुणक में और अधिक शेयरों के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं.

GMP से मिल रहा मुनाफे का इशारा

ग्रे मार्केट में NSDL के शेयरों का प्रदर्शन काफी बेहतर दिख रहा है. 31 जुलाई को NSDL का GMP ₹126 दर्ज किया गया. यानी लिस्टिंग के समय शेयर की कीमत ₹926 तक जा सकती है. इसका मतलब है कि निवेशकों को ₹126 प्रति शेयर तक का संभावित फायदा मिल सकता है. यानी ₹14,400 लगाकर ₹2,268 तक का फायदा. हालांकि, GMP अनऑफिशियल इंडिकेटर होता है, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव संभव है, लेकिन शुरुआती संकेत अच्छे मुनाफे का इशारा दे रहे हैं. निवेशकों को शेयर मिलने की प्रक्रिया यानी अलॉटमेंट 4 अगस्त 2025 को फाइनल की जाएगी. इसके बाद शेयरों की लिस्टिंग 6 अगस्त को NSE और BSE दोनों स्टॉक एक्सचेंजों पर होगी.

किसे कितना मिला हिस्सा?

इस IPO में संस्थागत और रिटेल निवेशकों के लिए अलग-अलग हिस्सा तय किया गया है.

  • 50% हिस्सा QIBs (Qualified Institutional Buyers) के लिए रिजर्व है
  • 35% हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए
  • 15% हिस्सा NII (Non-Institutional Investors) के लिए
  • इसके अलावा 85,000 शेयर कंपनी के कर्मचारियों के लिए आरक्षित हैं, जिन्हें ₹76 प्रति शेयर की छूट दी जा रही है.

कौन बेच रहा है अपनी हिस्सेदारी?

चूंकि यह इश्यू OFS है, इसमें कंपनी खुद को नहीं बल्कि मौजूदा शेयरहोल्डर्स अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. हिस्सेदारी बेचने वालों में देश की नामी संस्थाएं शामिल हैं.

  • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
  • HDFC बैंक
  • IDBI बैंक
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
  • और SUUTI (Unit Trust of India)

इन सबके मिलाकर करीब 5.01 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री इस इश्यू के तहत की जा रही है.

क्या करती है NSDL?

1996 में शुरू हुई NSDL भारत की पहली और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है, जो निवेशकों के डीमैट अकाउंट्स और सिक्योरिटीज की सेफ कस्टडी संभालती है. देश की तेजी से बढ़ती कैपिटल मार्केट में NSDL की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. IPO के जरिए अब आम निवेशकों को इस बड़ी वित्तीय संस्था में हिस्सेदारी लेने का मौका मिल रहा है.

क्या करें निवेशक?

अगर आप मुनाफा कमाने के इरादे से IPO में निवेश करते हैं, तो NSDL का IPO मजबूत दावेदार दिखता है. कंपनी की प्रतिष्ठा, मजबूत ग्रे मार्केट प्रीमियम और बड़े-बड़े संस्थागत निवेशकों की भागीदारी इसे एक भरोसेमंद अवसर बनाती है. हालांकि, किसी भी निवेश से पहले जोखिम और निवेश क्षमताओं को समझना जरूरी है.

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