‘एक देश-एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट मीटिंग में चर्चा की गई और सरकार ने इसे मंजूरी दे दी.
वहीं मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर बड़ा ऐलान किया था. शाह ने कहा था कि मोदी सरकार इसी कार्यकाल में ‘एक देश एक चुनाव’ लागू करेगी. इससे पहले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में भी ‘एक देश एक चुनाव’ के वादे को शामिल किया था.
मार्च में कमेटी ने सौंपी थी रिपोर्ट
वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2023 को एक कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने इसी साल 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. कमेटी ने 191 दिनों तक कई विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों के लोगों से चर्चा के बाद 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर 2029 तक करने का सुझाव दिया गया, जिससे अगले लोकसभा चुनाव के साथ ही इनके चुनाव भी कराए जा सकें.
देशभर में 2 चरणों में चुनाव कराने का सुझाव
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर सौंपी गई इस रिपोर्ट में हंग असेंबली और अविश्वास प्रस्ताव की स्तिथि को लेकर भी सुझाव दिया गया है. कमेटी ने सिफारिश की है कि ऐसी स्थिति में किसी विधानसभा के बचे हुए कार्यकाल के लिए चुनाव कराए जा सकते हैं. इस रिपोर्ट में देशभर में तीन चरणों में चुनाव कराने का भी सुझाव दिया है. कमेटी के मुताबिक पहले चरण में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराए जाएं. इसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर ही स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं. वहीं तीसरे चरण में
समिति ने यह भी सिफारिश की है कि इन चुनावों के लिए चुनाव आयोग एक ही वोटर लिस्ट तैयार कर सकता है. साथ ही सुरक्षा बलों, प्रशासनिक अफसरों और कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए एडवांस में प्लानिंग करने की सिफारिश की गई है.