हरियाणा

सवालों के घेरे में हैं उच्च पदों पर हुई नियुक्तियां

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा – पवन कुमार बंसल। 

हरियाणा विधानसभा सभा के बज़ट सत्र के दौरान भाजपा विधायकों ने हुड्डा शासन के दौरान पुलिस भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाया। आरोप लगाया कि फ़्लूइड का उपयोग करके टॉपर्स के नम्बर कम किए गए और तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित मंत्रियों के रिश्तेदारों को नियुक्त किया गया।

उपरोक्त घटना तो बस नमूना है। हमारी जाँच से सनसनीख़ेज़ रहस्य खुले है i हरियाणा के अलग राज्य बनने के बाद से एचपीएससी, कर्मचारी चयन आयोग या तथाकथित स्वायत्त विश्वविद्यालयों में नौकरियों में चयन सवालों के घेरे में है। याद कीजिए कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को शिक्षक भर्ती घोटाले में दस साल की सजा हुई थी। मनोहर लाल के सीएम के कार्यकाल के दौरान, एचपीएससी के उप सचिव को विजिलेंस द्वारा उनके कार्यालय में भारी नकदी और खाली उत्तर पुस्तिकाओं के साथ पकड़ा गया था। यहां तक ​​कि एचपीएससी के अध्यक्ष का अतीत भी सवालों के घेरे में है। कर्मचारी चयन आयोग के अध्य्क्ष पर भी सवालिया चिन्ह लगते रहे। पद से अस्थाई तौर पर हटना भी पड़ा। जातिय सवाल प्रश्न पत्र में पूछे गए। भजन लाल ने 34 जज बगैर परीक्षा के नियुक्त किए ? मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए कोटा सीट निर्धारित की? माननीय मन्त्री अरविन्द शर्मा उसी कोटे की सीट पर रोहतक डेंटल कॉलेज से बिना परीक्षा दाखिला पा डाक्टर बने। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की एक करीबी रिश्तेदार को एक विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर नियुक्त किया गया, हालांकि लिखित परीक्षा में उनकी रैंक बहुत कम थी।गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में संघ के शिफ़ारिशी वीसी ने नियुक्तियों में ग़दर मचा दिया i अब कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट का सामना कर रहे है i

वैसे तो ये देश व्यापी अनियमितता सिर चढ़ कर बोलती है। ओम बिरला लोक सभा अध्यक्ष की बेटी बिना परीक्षा के सीधे आई ए एस बना दी गई। इसके अतिरिक्त दर्जनों सीधे आई ए एस भर्ती कर दिए गए। भाजपा व संघ आर एस एस के अनेकों कार्यकर्ता सीधे तौर पर शिखर पदों विश्वविद्यालयों के उपकुलपति जैसे पदों पर तैनाती कर दिए गए?

दुमछल्ला : हुड्डा के शासन के दौरान एचपीएससी के सदस्यों द्वारा उम्मीदवारों से निम्नलिखित प्रश्न पूछा गया था “संविधान सभा के एकमात्र जीवित सदस्य का नाम बताएं, स्पष्ट रूप से उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी रणबीर सिंह का जिक्र करते हुए।” जब ओमप्रकाश चौटाला सीएम बने तो सवाल बदल दिया गया “उस राजनेता का नाम बताइए जिसने वी.पी. सिंह के पक्ष में प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया, स्पष्ट रूप से देवी लाल का जिक्र करते हुए”। भाजपा शासन काल में वीर सावरकर, रथ यात्रा, पo दीनदयाल उपाध्य के बारे तरह तरह के सवाल साक्षत्कार में पूछे जाते रहे हैं ?

हमाम में सब नंगे है। तेरी दो टकिया की नौकरी मेरा लाखों का सावन जाए।

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