बिहार

‘मोबाइल मत देखो’ कहने पर नाराज 20 वर्षीय बेटे ने की आत्महत्या

पूर्णियां मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर कुछ लोगों ने जमकर हंगामा किया. डॉक्टरों के साथ हाथापाई पर उतारू हो गए. मामला बिगड़ता देख आपातकालीन सायरन को बजाया गया, जिसके बाद भारी संख्या में सुरक्षा गार्डो ने आकर मोर्चा संभाला और स्थिती को नियंत्रण में किया. दरअसल, डांट फटकार से नाराज लड़के ने कीटनाशक पी लिया था. परिवार के लोग उसे लेकर अस्पताल आए थे. यहां उन्होंने डॉक्टर के साथ बदसलूकी शुरू कर दी. हालांकि, कीटनाशक खाने से बच्चे की जान चली गई.

मृतक लड़का पूर्णिया जिले के जलालगढ़ थाना क्षेत्र के तहत आने वाले एकम्बा वार्ड-5 का रहने वाला था. उसकी पहचान 20 वर्षीय अरबाज आलम के रूप में हुई है. अरबाज मोबाइल देखने में व्यस्त था. खेती का समय होने की वजह से पिता मुन्ना ने उसे मक्के के खेत में काम के लिए जाने को कहा, लेकिन बेटा मोबाइल देखने में ही व्यस्त रहा.

कुछ देर बाद पिता ने उसे जमकर फटकार लगाई. वहीं, पिता द्वारा कुछ लोगों के सामने डांटा जाना बेटे को नागवार गुजरा और उसने घर में मक्का के खेत में डालने के लिए लाया गया कीटनाशक पी लिया. लड़की तबीयत खराब होने पर उसने अपने परिवार के लोगों को इसकी सूचना दी.

आनन-फानन में उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जलालगढ़ में भर्ती कराया. वहां उसकी स्थिती गंभीर देखते हुए पूर्णियां रेफर कर दिया गया. मृतक के भाई आशिक आलम ने बताया कि जलालगढ़ में डॉक्टरों ने बिना ईलाज किये रेफर कर दिया. वहीं एम्बुलेंस मांगने पर एम्बुलेंस भी नहीं दिया गया. परिजन द्वारा मुख्य सड़क पर जाकर ऑटो लाया गया तब पूर्णियां पहुंचे.

पूर्णियां मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर युवक का ईलाज शुरू हुआ, मगर एक घंटे बाद ही उसकी मृत्यु हो गई. इसके बाद परिजन ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और हंगामा करने लगे. वहीं डॉक्टरों का कहना था कि मरीज पहले से सीरियस था, जिसका फौरन ईलाज शुरू किया गया.

उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में अन्य कई मरीज भी भर्ती थे. परिजन द्वारा बार-बार हल्ला करने से अन्य मरीजों को भी परेशानी हो रही थी. गार्ड द्वारा बाहर जाने को कहने पर हंगामा शुरू कर दिए और मोबाइल से वीडियो बनाने लगे.

मृतक के भाई आजाद अली का कहना है कि उसका भाई सीरियस था. डॉक्टर देखकर सिर्फ पानी चढ़ाकर सुई लगाकर चले गए. बार-बार मरीज को देखने की विनती करते रहे, मगर नहीं आए. उल्टे उनके साथ मारपीट की. वहीं युवक की मौत के बाद बड़ी संख्या में परिजन आकर हंगामा करने लगे. इस पर सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभालते हुए हंगामे को रोका.

 

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