एक मैसेज से अमेरिका के बैंक खाते खाली कर दिए गए — चीनी अपराधियों का साइबर स्कैम

चीन के अपराधी अमेरिका में लोगों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक लाखों अमेरिकियों के मोबाइल पर हर दिन ऐसे फर्जी टेक्स्ट मैसेज आ रहे हैं जिसे लोग सच मानकर लिंक पर क्लिक करते हैं और उनके बैंक खाते मिनटों में खाली हो जाते हैं.
अमेरिकी जांच एजेंसियों का कहना है कि इस पूरे फर्जीवाड़े के पीछे चीन से संचालित साइबर अपराधी गिरोह हैं, जो पिछले तीन सालों में एक अरब डॉलर (लगभग ₹8,900 करोड़ रुपये) से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं. सितंबर में एक ही दिन में 3,30,000 फर्जी टोल मैसेज भेजे गए. यह अब तक का रिकॉर्ड है.
कैसे ये अपराधी मिनटों में खाली दे रहे बैंक
WSJ की रिपोर्ट की मानें तो ठगों की चाल बड़ी चालाकी से बुनी गई है. कभी वे हाईवे टोल टैक्स, कभी पोस्ट ऑफिस फीस, तो कभी ट्रैफिक चालान के नाम पर लोगों को डराते हैं. पीड़ित को एक लिंक भेजा जाता है, जो दिखने में सरकारी वेबसाइट जैसा होता है. जैसे ही कोई व्यक्ति वहां अपनी जानकारी नाम, कार्ड नंबर, और ओटीपी डालता है, अपराधियों के हाथ में उसकी पूरी वित्तीय जानकारी पहुंच जाती है.
चीन से चल रहा है SIM फार्म का जाल
इस ठगी की असली ताकत है SIM फार्म्स यानी ऐसी जगहें जहां सैकड़ों सिम कार्ड लगे होते हैं, और एक ही व्यक्ति हजारों नंबरों से टेक्स्ट भेज सकता है. इन फार्म्स को चीन में बैठे गैंग रिमोटली कंट्रोल करते हैं, लेकिन इन्हें अमेरिका के शहरों में गिग वर्कर्स के जरिए चलाया जाता है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ह्यूस्टन, लॉस एंजेलिस, फीनिक्स और मियामी जैसे शहरों में दर्जनों ऐसे SIM फार्म्स पकड़े गए हैं.
मोबाइल वॉलेट में चुराए गए कार्ड
अपराधी चोरी किए गए क्रेडिट कार्ड को Apple Wallet और Google Pay जैसे डिजिटल वॉलेट्स में इंस्टॉल कर लेते हैं. फिर वे अमेरिका में मौजूद खरीदारों को Telegram ऐप के जरिए हायर करते हैं. ये खरीदार स्टोर्स से iPhone, कपड़े और गिफ्ट कार्ड्स खरीदते हैं, जिन्हें बाद में चीन भेज दिया जाता है. वहाँ उन्हें बेचकर सारा पैसा अपराधियों की जेब में चला जाता है. इन अमेरिकी गिग वर्कर्स को हर $100 (लगभग ₹8900) की खरीद पर सिर्फ 12 सेंट (₹10 के करीब) मिलते हैं. लेकिन अपराधियों का मुनाफा इतना बड़ा है कि अब यह पूरा नेटवर्क एक हाई-टेक ठगी का उद्योग बन चुका है.




