अंबाला का जवान लद्दाख में शहीद: घर के इकलौते बेटे थे गुरप्रीत सिंह, कुछ ही देर में गांव शेरपुर पहुंचेगा पार्थिव शरीर
12 साल पहले ज्वाइन की थी भारतीय सेना
गुरप्रीत अपने माता-पिता का अकेला बेटा था। उनकी एक बहन है। गुरप्रीत सिंह अपने पीछे माता दविन्द्र कौर, पिता दलीप सिंह व दो बेटों सहजवीर सिंह, तेजवीर सिंह, पत्नी हरलीन कौर को छोड़ गए। गुरप्रीत सिंह ने 12 साल पहले भारतीय सेना ज्वाइन की थी। गुरप्रीत सिंह के पिता दलीप सिंह ने बताया कि वीरवार सुबह ही सेना के अधिकारियों का फोन आया कि आपका बेटा गुरप्रीत सिंह शहीद हो गया है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने कोई कारण नहीं बताया। गुरप्रीत सिंह 4 जुलाई को ही घर से छुट्टी खत्म कर लेह क्षेत्र में गया था। बीते रविवार को गुरप्रीत सिंह के परिजनों को सेना से गुरप्रीत सिंह के लापता होने की खबर मिली थी। वीरवार सेना के जवानों को उसका शव मिला। जिसके बाद परिजनों को गुरप्रीत के शहीद होने की सूचना दी गई।