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लाउडस्पीकर पर NCP-BJP में तकरार! अजित की अपील नहीं आई काम, सोमैया जारी रखेंगे अभियान

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की सरकार है. इस सरकार को बने हुए 6 महीनों से ज्यादा का समय हो चुका है. इस बीच अब खींचतान भी साफ तौर पर दिखने लगी है. एक तरफ जहां अजित पवार और एकनाथ शिंदे के नेताओं में नहीं बन रही है, तो वहीं अब अजित पवार वर्सेस बीजेपी भी हो गया है. इसके पीछे की वजह मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकर बताए जा रहे हैं.

अजित पवार और भारतीय जनता पार्टी में खींचतान की असली वजह लाउड स्पीकरों को माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी नेता किरीट सोमैया पिछले 4 महीनों से स्पीकरों के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं. इसके लिए वो अलग-अलग पुलिस थानों में जाकर लाउड स्पीकर हटाने को लेकर एजिटेशन कर रहे हैं. इसके अलावा एफआईआर भी मस्जिद कमेटी के खिलाफ दर्ज करा रहे हैं.

बीजेपी नेता भले ही लाउड स्पीकर के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं, लेकिन इसके इतर अजित पवार लाउड स्पीकरों के पक्ष में नजर आ रहे हैं. पिछले दिनों अजित पवार ने खुद मुस्लिम नेताओं, मौलाना मौलवियों ने मीटिंग कर उन्हें भरोसा दिलाया कि किरीट सोमैया का मस्जिद लाउडस्पीकर के खिलाफ ये आंदोलन जल्द ही रुकेगा.

 

अजित पवार ने किरीट सोमैया से अपील भी की की ये आंदोलन बंद करे. इससे मुस्लिमो में डर की स्थिति निर्मित हो रही है, लेकिन आज भी किरीट मस्जिदों के खिलाफ 2 पुलिस थानों में जाकर शिकायत देंगे. अजित पवार की अपील के बाद भी उनका आंदोलन जारी है.

आज किरीट मालवणी और कांदिवली पुलिस थाने जाकर 8 मस्जिदों के खिलाफ कामोलेन्ट देंगे. यहां ज्यादा डेसिबल से लाउड स्पीकर के जरिये अजान पढ़ने के खिलाफ शिकायत करेंगे और लाउड स्पीकर हटाने की मांग करेंगे.

महायुति में नहीं थम रही तकरार

 

महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद से ही उसके घटक दलों के बीच तकरार देखने को मिल रही है. ये कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी देखने को मिली है. शुरुआत में खबरें सामने आई की पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे और वर्तमान सीएम के बीच तालमेल नहीं पा रहा है. हालांकि इन खबरों को दबाने के लिए खुद बड़े नेताओं ने जिम्मेदारी संभाली थी. इसके अलावा भी कई बार बीजेपी-अजित पवार तो कभी पवार और शिंदे आमने सामने होते रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर महायुति की टेंशन बढ़ा दी है.

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