वायु प्रदूषण और बच्चों की सेहत: क्या अभी बाहर भेजना सुरक्षित है?

देश के कई इलाकों में इस समय पॉल्यूशन का लेवल बढ़ा हुआ है. इस वजह से लोगों को खासी परेशानी हो रही है. डॉक्टर सुबह की वॉक और बाहर एक्सरसाइज करने से बचने की सलाह दे रहे हैं. बिना वजह बाहर जाने के लिए भी मना कर रहे हैं. प्रदूषण का असर बुजुर्गों, युवाओ, महिलाओं के साथ- साथ बच्चों पर भी होता है. कई बच्चे खेलकूद के लिए बाहर भी जाते हैं, तो क्या ऐसे प्रदूषित वातावरण में उनको बाहर जाना चाहिए? इस बारे में डॉक्टर से जानते हैं.
AIIMS दिल्ली के पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. हिमांशु भदानी बताते हैं कि जिन इलाकों में AQI 200 से ऊपर होता है वहां बच्चों को लंबे समय तक आउटडोर एक्टिविटी से बचाना चाहिए. प्रदूषण में मौजूद छोटे- छोटे कण सांस के जरिए बच्चों के फेफड़ों में जाते हैं. इससे उनको खांसी, सांस फूलना, जैसी समस्या हो सकती है. जिन बच्चों को पहले से ही अस्थमा, सीओपीडी औप ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी है उनमे तो खतरा और भी बढ़ जाता है. ऐसे में सावधानी बरतनी जरूरी है.
कब बाहर खेलने दिया जा सकता है? सही समय क्या है?
डॉ हिमांशु बताते हैं कि सुबह के समय तो बच्चों को बाहर न भेजें. ये भी देखें कि आपके इलाके का एक्यूआई कितना है. अगर AQI 150 से कम हो तो बच्चों को थोड़े समय के लिए बाहर खेलने दिया जा सकता है. हालांकि सुबह और शाम को तो फिर भी भेजने से बचें. बच्चों को दिन में 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच भेज सकते हैं. हालांकि इस बीच बच्चे स्कूल में होते हैं तो छुट्टी वाले दिन इस समय आप बच्चों को बाहर ले जा सकते हैं. अगर ऐसा भी मुमकिन नहीं हो पा रहा है तो घर में ही इंडोर गेम्स, योगा और ब्रिदिंग एक्सरसाइज कराएं.
माता- पिता इन बातों का जरूर ध्यान रखें
अस्थमा या एलर्जी वाले बच्चों के लिए इनहेलर हमेशा पास रखें
अगर बच्चा बाहर जा भी रहा है तो N95 मास्क पहनाएं
अगर बच्चे को सांस संबंधी परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें
किसी भी तरह की दवा खुद से न दें
जिन बच्चों को सांस की बीमारी है उनको बाहर बिलकुल न भेजें
बच्चों के खानपान का भी ध्यान रखें




