राजनीति

अहमदाबाद विमान क्रैश की जगह पहुंचा डॉग स्क्वॉड, अवशेषों की तलाश जारी

अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन गुरुवार दोपहर टेक ऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गया. इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और 12 क्रू मेंबर्स समेत 241 यात्रियों की मौत हो गई. फ्लाइट नंबर AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी. उड़ान भरते ही विमान क्रैश हो गया. हादसे में मारे गए लोग बुरी तरह से जल चुके हैं. यही कारण है कि मौके पर एनडीआरएफ की डॉग स्क्वायड टीम पहुंच चुकी है.

विमान में मौजूद फ्यूल के कारण आग लग गई. यही कारण है कि कई लोग बुरी तरह जल चुके हैं जिनकी पहचान करना मुश्किल हो रही है. लोगों की पहचान करने के लिए घटनास्थल पर एक बार फिर से एनडीआरएफ की डॉग स्क्वायड की टीम आई है. इससे गुरुवार रात को टीम सर्चिग करती रही थी.

घटना स्थल पर बिखरे कई सारे ऐसे बॉडी पार्ट्स है जो इतने जल चुके हैं कि उन्हें सामान्य तौर पर पहचान पाना मुश्किल है. यह सभी शरीर के अंग टुकड़ों में है तो डॉग स्क्वायड की मदद से उन अंगों को तलाश किया जा रहा है. कई लोगों के हाथ तो कई लोगों के पैर गायब हैं. डॉग स्क्वायड की मदद से इन्हीं को खोजा जा रहा है.

कैसे होगी लोगों की पहचान?

गुरुवार दोपहर फ्लाइट नंबर AI-171 ने 1.38 बजे उड़ान भरी और 1.40 बजे हादसा हो गया. उस समय प्लेन 625 फीट की ऊंचाई पर था. हादसे में बुरी तरह घायल और झुलसे हुए लोगों को अहमदाबाद के अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया है. इस हादसे मे फ्लाइट में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो चुकी हैं. ये सभी लोग आग में बुरी तरह से झुलसे हुए हैं. कई लोगों की पहचान करना भी मुश्किल हो रही है. तो कई ऐसे भी लोग हैं जिनके अंग यहां-वहां बिखरे हुए हैं.

बीते दिन गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि शवों की पहचान के लिए 1000 से ज्यादा DNA टेस्ट किए जाएंगे. गुजरात के पास इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट की कैपेसिटी है. मतलब साफ है कि अब लोगों की पहचान डीएनए की मदद से की जाएगी. इसके अलावा इसमें डॉग स्क्वायड भी मदद करेगा.

कब मिलेंगे परिजनों को शव?

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि गुजरात की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) और नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) मिलकर DNA जांच को कम से कम समय में पूरा करेंगे, जिसके बाद मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए जाएंगे. प्रभावित परिवार के सदस्यों के रहने, मानसिक सहायता और ट्रॉमा केयर के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं.

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