‘बेटे के शहीद होने पर मिला था 1 करोड़ से ज्यादा मुआवजा’, राहुल गांधी के दावे को अग्निवीर के पिता ने नकारा
लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार अग्निवीर योजना को लेकर भाजपा नीत सरकार पर निशाना। उन्होंने दावा किया कि अग्निवीर को ‘जवान’ नहीं कहा जाता है और उन्हें न तो शहीद का दर्जा व मुआवजा नहीं दिया जाता है। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में बताया कि अगर किसी अग्निवीर की मौत हो जाती है तो उसे 1 करोड़ का मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को या तो इस दावे को सत्यापित करना चाहिए या फिर इस गलतबयानी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
शहीद के पिता ने राहुल गांधी के दावे को नकारा
रिपोर्ट की मानें तो संसद में राहुल गांधी ने जिस अग्निवीर का जिक्र किया उसके पिता ने कांग्रेस सांसद के बयान को नकार दिया है। शहीद हुए अग्निवीर अक्षय गवाटे के पिता ने कहा है कि बेटे के शहीद होने पर उन्हें कुल 1 करोड़ 10 लाख का मुआवजा मिला है। बता दें कि, अग्निवीर गावते अक्षय लक्ष्मण के सियाचिन ग्लेशियर के चुनौतीपूर्ण इलाकों में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी। गावते महाराष्ट्र के रहने वाले थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर अग्निवीर ड्यूटी के दौरान मर जाते हैं तो उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए की एकमुश्त राशि (सेवा निधि पैकेज सहित) मिलती है और उस अवधि के लिए पूरा वेतन मिलता है, जब तक सैनिक सेवा नहीं कर सका। विकलांगता के मामले में अग्निवीर को 44 लाख रुपए तक का मुआवजा मिल सकता है, जो विकलांगता के प्रतिशत पर निर्भर करता है। नियमित सैनिक के विपरीत अग्निवीरों के सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन नहीं मिलती। आइए जानते हैं सेना की तरफ से अग्निवीरों को क्या फंड मिलता है…
- इंश्योरेंस- 48 लाख रुपए।
- आर्मी वुमेन वेल्फेयर असोसिएशन- 30,000 रुपए।
- अंतिम संस्कार के लिए -9000 रुपए।
- आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड – 8 लाख रुपए।
- एक्सग्रेशिया- 44 लाख रुपए।
- अग्निवीर के केस में इंश्योरेंस का पैसा अग्निवीर जमा नहीं करते जबकि रेगुलर सैनिक के केस में उनका इंश्योरेंस कॉन्ट्रिब्यूट्री होता है।
- अलग अलग राज्यों की तरफ से भी शहीदों के परिजनों को सरकार की तरफ से घोषित आर्थिक सहायता भी दी जाती है।
- वीरगति को प्राप्त करने वाले अग्निवीरों को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाती है।