हरियाणा

ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित पोस्ट के बाद प्रोफेसर महमूदाबाद पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, जानिए पूरी वजह

सोनीपत : अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट के बाद दर्ज हुए विवादास्पद केस में अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। प्रोफेसर ने अपनी जमानत की शर्त के तहत जमा किया गया पासपोर्ट वापस लेने की अनुमति मांगी है, ताकि वे विदेश यात्रा कर सकें। सुप्रीम कोर्ट जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमल्या बागची वाली बेंच ने महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पासपोर्ट वापसी की मांग पर 18 नवंबर को विचार किया जाएगा। अदालत ने कहा कि प्रोफेसर की तत्काल विदेश यात्रा की योजना नहीं है, इसलिए इस पर अगली सुनवाई में निर्णय लिया जाएगा।

सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा कि यदि प्रोफेसर विदेश जाना चाहते हैं, तो उन्हें अपनी यात्रा की पूरी जानकारी जमा करनी होगी। वहीं, महमूदाबाद के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य को अगर कोई आपत्ति नहीं है तो पासपोर्ट रोके रखने का कोई औचित्य नहीं बनता। उन्होंने कहा कि जब कोई आपत्ति नहीं है तो पासपोर्ट रखने का क्या फायदा? इसे वापस किया जाना चाहिए।
हरियाणा पुलिस ने 18 मई को प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। एक हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया की शिकायत पर, और दूसरी एक ग्राम प्रधान की ओर से सोनीपत जिले के राय थाना क्षेत्र में। सुप्रीम कोर्ट ने 21 मई को उन्हें अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन शर्त रखी थी कि वे अपना पासपोर्ट सोनीपत की सीजेएम अदालत में जमा करेंगे और जांच में पूरा सहयोग देंगे।

 

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