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सीबीएलयू में स्वयं मूक जागरूकता एवं कार्यान्वयन पर कार्यशाला आयोजित

भिवानी , (ब्यूरो): चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के स्वयं यूनिट द्वारा स्वयं मूक जागरूकता एवं कार्यान्वयन पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कुलपति प्रोफेसर दीप्ति धर्मानी  के कुशल नेतृत्व एवं कुलसचिव डॉ. भावना शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने ऑनलाइन की। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रो. दिनेश मदान, डीन एकेडमिक अफेयर्स ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला का औपचारिक उद्घाटन कुलसचिव डॉ. भावना शर्मा,  के प्रेरणादायक संबोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने डिजिटल लर्निंग और स्वयं प्लेटफॉर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वयं और अन्य मूक प्लेटफॉर्म का प्रभावी कार्यान्वयन विश्वविद्यालय प्रणाली में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुलभ और लचीले प्रारूप में प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा, शिक्षकों के लिए स्वयं पोर्टल पर स्वयं के पाठ्यक्रम विकसित करना न केवल उनके पेशेवर विकास का हिस्सा है, बल्कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी के उद्देश्यों के अनुरूप भी है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों में स्वयं को लागू करने से क्रेडिट ट्रांसफर, बहु-विषयक शिक्षा, और शिक्षण में नवीनतम तकनीकी उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। कार्यशाला में डॉ. तेजिंदर सिंह, प्रोड्यूसर, ई एमआरसी पटियाला, और डॉ. तेजपाल धेवा, एसोसिएट प्रोफेसर, केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़, ने प्रतिभागियों को स्वयं मूक प्लेटफॉर्म के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने स्वयं पोर्टल पर लॉगिन करने, उपयुक्त कोर्स खोजने, और नामांकन करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी शिक्षक स्वयं पोर्टल पर अपना स्वयं का कोर्स कैसे प्रारंभ कर सकता है। उन्होंने कोर्स निर्माण में आने वाली चुनौतियों और उनसे बचने के लिए आवश्यक सुझाव साझा किए। इसके अतिरिक्त, मूक विकास को फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का एक अभिन्न हिस्सा बनाने पर भी चर्चा की गई, जिससे शिक्षक अपने शिक्षण कौशल को उन्नत कर सकते हैं और डिजिटल शिक्षा में योगदान दे सकते हैं। कार्यशाला का संचालन डॉ. मोनिका मिगलानी नोडल अधिकारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर संयोजक  प्रो. मयंक किंगर नोडल अधिकारी ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला।  इस अवसर  पर प्रो. नितिन बंसल, प्रो. ललित गुप्ता, प्रो. संजीव कुमार एवं कार्यशाला के समन्वयक  डॉ. दीपक अनेजा, डॉ. आशा पूनिया और डॉ. एखलाक खान भी उपस्थित रहे।

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