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कफ सिरप से मौत के बाद हरियाणा सरकार सतर्क, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने चार कफ सिरप पर लगाया प्रतिबंध: बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि

चंडीगढ़: मिलावटी दवाइयों और खाद्य पदार्थों पर लगाम कसते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश में चार खांसी की दवाओं (कफ सिरप) की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है.यह कदम उन रिपोर्ट्स के बाद उठाया गया है, जिनमें इन दवाओं में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) जैसे खतरनाक रसायन की मौजूदगी पाई गई, जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं. इस संबंध में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने प्रेस वार्ता कर विस्तृत जानकारी दी.

ये चार कफ सिरप बैन: स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि, “रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स, शेप फार्मा, स्रेशन फार्मा और केसन्स फार्मा की खांसी की दवाओं को फिलहाल प्रतिबंधित किया गया है. जिन सिरप पर प्रतिबंध लगाया गया है, वे हैं: Bromhexine Hydrochloride, Terbutaline Sulphate, Guaiphenesin & Menthol Syrup (Respifresh TR).प्रतिबंधित दवाओं में गुजरात की रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स की रेस्पिफ्रेश टीआर (ब्रोमहेक्सिन हाइड्रोक्लोराइड, टरब्यूटेलिन सल्फेट, गुआइफेनेसिन और मेन्थॉल सिरप), शेप फार्मा की रिलाइफ (एंब्रॉक्सोल एचसीएल, गुआइफेनेसिन, टरब्यूटेलिन सल्फेट और मेन्थॉल सिरप), तमिलनाडु की स्रेशन फार्मा की कोल्ड्रिफ सिरप और जयपुर स्थित केसन्स फार्मा का डेक्सट्रोमेथॉर्फन सिरप शामिल हैं. एफडीए ने प्रदेशभर में इन सभी दवाओं के सैंपल भरकर परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.”

स्टॉक जब्त करने के निर्देश: वहीं, राज्य औषधि नियंत्रक ललित गोयल ने सभी जिलों के औषधि नियंत्रण अधिकारियों को इन कंपनियों की दवाओं के सैंपल लेने, जांच के लिए भेजने और यदि बाजार में उपलब्ध हों तो स्टॉक जब्त करने के निर्देश दिए हैं.

मध्यप्रदेश कफ सिरप से मौत के बाद लिया गया निर्णय: मंत्री आरती राव ने बताया कि, “भले ही हरियाणा में इन प्रतिबंधित कफ सिरप का स्टॉक नहीं पाया गया, लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में इनसे बच्चों की मौत के मामले सामने आने के बाद एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है.हम किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेंगे. बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है.”

दवाओं में पाया गया जहरीला रसायन: विशेषज्ञों के अनुसार, इन दवाओं में पाया गया डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) एक जहरीला रसायन है, जो बच्चों में किडनी फेलियर, न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं और मौत तक का कारण बन सकता है.

मिलावट के खिलाफ भी अभियान तेज: स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में मिलावटी खाद्य और दवा उत्पादों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. अब तक 606 सैंपल फेल हो चुके हैं और 1 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है.

आईपीएस आत्महत्या मामले पर प्रतिक्रिया: प्रेसवार्ता के दौरान आरती राव ने आईपीएस आत्महत्या मामले पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, “यह घटना बेहद दुखद है, लेकिन मामला अभी जांच के अधीन है, इसलिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.”

बता दें कि हरियाणा सरकार ने प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खांसी की चार दवाओं पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया है. साथ ही मिलावटी उत्पादों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई जारी रखी है.

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