टाटा ट्रस्ट से हटाए जाने के बाद मेहली मिस्त्री पर टाटा ग्रुप की नजर, जानें आगे क्या होगा कदम

टाटा ग्रुप के अंदर इन दिनों सबकी निगाहें एक ही शख्स पर टिकी हैं और वो हैं मेहली मिस्त्री. टाटा ट्रस्ट्स से हटाए जाने के बाद भी वे समूह के कई अहम चैरिटेबल संस्थानों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. यही वजह है कि ग्रुप के भीतर और बाहर, दोनों जगह यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि मिस्त्री अब आगे क्या कदम उठाएंगे.
हाल ही में टाटा संस में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले दो मुख्य ट्रस्ट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट ने मेहली मिस्त्री को दोबारा ट्रस्टी के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया. इस फैसले के बाद उनका सीधा प्रभाव कम हुआ है, क्योंकि इन्हीं ट्रस्टों के पास टाटा समूह में नियंत्रण की सबसे बड़ी ताकत है.
फिर भी, मिस्त्री अभी पूरी तरह सिस्टम से बाहर नहीं हुए हैं. वे टाटा एजुकेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट (TEDT), कोलकाता के टाटा मेडिकल सेंटर, और मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अभी भी बोर्ड सदस्य हैं. इन संस्थानों का सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र में बड़ा योगदान है.
TEDT: टाटा की नई जेनरेशन का ट्रस्ट
TEDT की स्थापना लगभग दस साल पहले हुई थी. यह लगभग ₹5,000 करोड़ के फंड की देखरेख करता है और उच्च शिक्षा, स्कॉलरशिप और स्किल डेवलपमेंट से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करता है. इस ट्रस्ट के बोर्ड में नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन, विजय सिंह, मेहली मिस्त्री और जहांगीर मिस्त्री शामिल हैं. दिलचस्प बात यह है कि TEDT को विदेशों में भी चैरिटेबल कामों के लिए फंड देने का अधिकार है, जो इसे बाकी टाटा ट्रस्ट्स से अलग बनाता है.
कानूनी मोर्चे की तैयारी
ET की एक रिपोर्ट में सूत्रों के मुताबिक बताया गया कि अगर मेहली मिस्त्री अपने हटाए जाने को अदालत में चुनौती देते हैं, तो TEDT में उनकी पोजीशन पर भी असर पड़ सकता है. फिलहाल उन्होंने महाराष्ट्र के चैरिटी कमिश्नर से अपील की है कि ट्रस्टियों की लिस्ट में कोई बदलाव करने से पहले उनकी राय सुनी जाए.
ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल और CSR का जुड़ाव
दक्षिण मुंबई का प्रतिष्ठित ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल भी मिस्त्री के प्रभाव वाले संस्थानों में से एक है. वे 2004 से इसके ट्रस्टी हैं. हाल ही में टाटा ग्रुप ने इस अस्पताल को अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड से ₹500 करोड़ का दान दिया है. इसने अस्पताल की सुविधाओं को और बेहतर बनाया है, और मिस्त्री की उपस्थिति यहां अब भी बनी हुई है.
टाटा ग्रुप में शक्ति संतुलन का बदलाव
नोएल टाटा के टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन बनने के बाद ग्रुप में शक्ति संतुलन साफ तौर पर बदल गया है. मेहली मिस्त्री की भूमिका अब सीमित दिखाई दे रही है, लेकिन वे टाटा इकोसिस्टम का हिस्सा बने हुए हैं.
कौन हैं मेहली मिस्त्री?
मेहली मिस्त्री एम. पल्लोनजी ग्रुप के प्रमोटर हैं, ये वही ग्रुप है जिसने टाटा परिवार के साथ दशकों से साझेदारी निभाई है. उनके कारोबार में इंडस्ट्रियल पेंटिंग, शिपिंग, ड्रेजिंग और कार डीलरशिप शामिल हैं. कई टाटा कंपनियों के साथ उनके ग्रुप के कारोबारी संबंध भी हैं.




