हरियाणा

9 महीने की जांच के बाद पुलिस ने कदम हॉस्पिटल संचालक व डॉक्टर सहित 2 के खिलाफ किया लापरवाही से हत्या का मामला दर्ज

चिकित्सकों की लापरवाई के कारण 2 नवंबर 2024 को हुई थी धर्म सिंह की पत्नी सुनीता की मौत

भिवानी, (ब्यूरो): चेयरमैन नेगिलेंसी बोर्ड कम सिविल सर्जन भिवानी द्वारा गठित जांच कमेटी ने यहां मिनी बाईपास स्थित कदम मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल प्रबंधन को एक मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने का दोषी पाया है। जिसमें उपचार के दौरान मरीज की मौत हो गई थी। जांच कमेटी ने इस सम्बंध में कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को लिखा है। सिविल सर्जन ने इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक, भिवानी को पत्र भेजा है। जिसके बाद औद्योगिक थाना पुलिस इस मामले में जांच कर सम्बंधित पक्षों के बयान दर्ज करने के बाद औद्योगिक पुलिस थाना क्षेत्र में 7 अगस्त को डीएस की धारा 106 के तहत कदम हर साल के संचालक वह डॉक्टर शिवम तलवार सहित दो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
जांच कमेटी के समक्ष दिए गए बयान में यहां फैंसी चौक निवासी धर्म सिंह ने आरोप लगाया था कि उसने अपनी पत्नी सुनीता को एक नवम्बर 2024 को 12:15 पर यहां मिनी बाईपास स्थित कदम मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती करवाया था। जहां पर डा.इनायत ने मरीज सुनीता को प्राथमिक उपचार दिया तथा फिजिशियन डा.संजीव कुमार से उपचार के बारे में टेलीफोन पर बातचीत की। इसी दौरान मरीज सुनीता की गंभीर हालत को देखते हुए उसे अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष आईसीयू में शिफ्ट किया गया। जहां पर बी.ए.एम.एस.चिकित्सक डा.शिवम ड्यूटी पर थे। लेकिन तबीयत खराब होने के चलते डा. संजीव कुमार मरीज सुनीता के उपचार के लिए आईसीयू नहीं पहुंचे और टेलीफोन पर ही मरीज के उपचार को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। तडक़े लगभग तीन बजे डा.इनायत आईसीयू पहुंची और मरीज सुनीता को सीपीआर दिया लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और सुनीता की मौत हो गई। सुनीता के पति धर्म सिंह ने कदम स्पेशयलिटी अस्पताल पर सुनीता के उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग व हरियाणा सरकार को शिकायत दी थी। जिस पर चेयरमैन नेगिलेंसी बोर्ड कम सिविल सर्जन, भिवानी ने जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी ने शिकायत के आधार पर जांच कर डा.नरेन्द्र शर्मा, कदम अस्पताल की चिकित्सक डा.इनायत, मृतका सुनीता के पति धर्म सिंह, डा.शिवम, डा.संजीव अग्रवाल के बयान दर्ज किए। जांच कमेटी के समक्ष बयान में डा.संजीव अग्रवाल ने कहा कि दिनांक 1-11-2024 को 12:15 बजे कदम अस्पताल में भर्ती कराया गया और ड्यूटी पर मौजूद डॉ इनायत, एमबीबीएस, आरएमओ द्वारा प्राथमिक उपचार दिया गया। उन्होंने फिजिशियन डॉ संजीव कुमार, डीएनबी (फैमिली मेडिसिन) से टेलीफोन पर परामर्श किया और मरीज का तदनुसार इलाज किया गया। डा. संजीव कुमार के अनुसार, वह बाहर का खाना खाने की वजह से लगातार पेचिश के कारण बीमार महसूस कर रहे थे क्योंकि उन्होंने दो दिन पहले अस्पताल ’वाइन किया था इसलिए वह उसी दिन नहीं आ सके। घटना के दौरान वह पूरे समय मोबाइल सीसीटीवी एक्सेस और फोन कॉल पर थे। मरीज को आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया और ड्यूटी पर मौजूद आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ शिवम ने उनकी देखरेख की। डॉ संजीव कुमार के साथ टेलीफोन पर परामर्श के बाद उनके द्वारा मरीज का प्रबंधन किया गया। मरीज की हालत सुबह & बजे के आसपास बिगडऩे लगी और मरीज की मौत हो गई।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड, बयानों, एचडीयू और आईसीयू के लिए एमओएचएफडब्ल्यू, भारत सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों को देखने के बाद बोर्ड की राय है कि शिकायतकर्ता ने डॉ. शिवम और कदम अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। स्वास्थ्य विभाग हरियाणा सरकार के प्रधान सचिव अंतिम अधिसूचना संख्या 25-10-2017-6एचबीआई दिनांक 28 फरवरी 2018 के अनुपालन में, इलाज करने वाले डॉक्टर लापरवाह नहीं हैं लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कदम अस्पताल के प्रबंधन ने एमओएचएफडब्ल्यू, भारत सरकार द्वारा एचडीयू और आईसीयू के लिए जारी दिशानिर्देशों के अनुसार एनेस्थेटिस्ट सहित मल्टीस्पेशलिटी से युक्त उचित आईसीयू टीम प्रदान नहीं की थी। इसके अतिरिक्त यदि डॉ. संजीव कुमार, चिकित्सक उस तारीख को बीमार थे, तो कदम प्रबंधन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी। इसलिए यह प्रस्ताव है कि कदम अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही के लिए वांछित आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाए। जांच कमेटी ने इस सम्बंध में कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक, भिवानी को लिखा है। लगभग 9 महीने की जांच के बाद औद्योगिक पुलिस थाना क्षेत्र में कदम हॉस्पिटल के संचालक वी डॉक्टर शिवम तलवार सहित दो के खिलाफ बीएनएस की धारा 106 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उधर , इस मामले में मृतका सुनीता के पति धर्म सिंह ने बताया कि पुलिस ने काफी समय के बाद 7 अगस्त को बीएस की धारा 106 के खिलाफ के तहत डॉ शिवम् तलवार वह कदम हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
भारतीय न्यायिक संहिता 106 की धारा लापरवाही से हुई मृत्यु के लिए 5 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान करती है। यदि मृत्यु किसी पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी की लापरवाही के कारण होती है, तो सजा 2 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकती है।

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