धर्म/अध्यात्म

जीभ के स्वाद और भूख पर नियंत्रण जरूरी :साध्वी करुणागिरी

हनुमान जोहड़ी मंदिर में 51 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के तहत युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा श्री मद भागवद कथा का सातवां दिन

भिवानी। हनुमान जोहड़ी मंदिर में 51 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के तहत युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा श्री मद भागवद कथा का सातवां दिन रहा।जिसमें सानिध्य हनुमान जोहड़ी मंदिर से बालयोगी महंत चरणदास महाराज का रहा। श्रीमद्भागवत कथा के 7वें दिन कथाव्यास साध्वी महामंडलेश्वर करूणा गिरी महाराज ने श्रद्धालुओं को कथा के माध्यम से प्रवचन देते हुए कहा कि सातवें दिन भगवान श्री कृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन रहा है। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मा देवकी को वापस देना,सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र, रुक्मिणी हरण और शिशुपाल व श्री कृष्ण संवाद का वर्णन किया गया।
साध्वी करुणागिरी महाराज ने रुक्मणी और भगवान श्रीकृष्ण के प्रसंग पर बोलते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी का हरण नहीं किया,बल्कि रुक्मणी ने भगवान को समर्पित किया था।
साध्वी करुणागिरी महाराज ने कहा कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं । उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र से सखा सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया हुआ। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब जब भी भक्तों पर विपदा आ पड़ी है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। गीता परिवार की तरफ से कस्बे में चल रही सात दिवसीय कथा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। कथा व्यास पीठाधीश्वर ने कहा कि जो भी भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन तर जाता है।
साध्वी करुणागिरी महाराज ने सुखदेव और राजा परीक्षित के जीवन प्रसंग पर बोलते हुए कहा कि सुखदेव महाराज ने राजा परीक्षित से शांति भूख का प्रश्न करते हुए कहा कि राजा आपके जीवन में तृप्ति कैसे हुई। साध्वी ने कहा कि भूख पैसा की हो,भूख का मतलब खाना से नहीं है, बल्कि भूख चाहे एक दूसरे से आगे बढ़ाने की हो या फिर एक दूसरे को नीचा और ऊंचा दिखाने की हो या फिर कुर्सी प्राप्त करने की भूख हो, उन्होंने कहा की भूख किसी भी प्रकार की हो वह अती होने पर खराब होती है। कहा कि भूख के कारण पुत्र और पिता की दूरी बनती गई और भूख के कारण भाई-भाई में खाई पड़ गई। इसलिए हमें जीभ के स्वाद और भूख पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। कहा कि चाहे भूख कुर्सी की हो या पैसों की बुरी होती है, जिससे हमें दूर रहना चाहिए।
साध्वी करुणा गिरी महाराज ने कहा कि भगवान के तीन विवाह हुए और तीन विवाह उत्सव में उन्होंने कथा प्रसंग को बोलते हुए कहा कि कलयुग में बेटियों के विवाह से ज्यादा, बहू का घर बसाने की सबसे बड़ी चिंता रहेगी। उन्होंने कहा कि भगवान का विवाह सत्यभामा के साथ हुआ और सत्यभामा की विवाह उत्सव पर है पांडवों को भी निमंत्रण दिया गया पांडवों और ने भगवान को शिकायत की के तीन शादी हो चुकी,लेकिन हमें याद तक नहीं किया तो इसमें भगवान ने कहा कि यह सब जल्दी-जल्दी में हो गया, लेकिन विवाह शादी में यदि कोई खामी रह जाती है तो उसकी हमें गांठ नहीं बांधनी चाहिए, सब कुछ भुला देना चाहिए, वही सच्चा मित्र होता है,उन्होंने कहा कि किसी बात पर गांठ बांधना सच्चे मित्र की पहचान नहीं है।
इस अवसर पर मुख्य यजमान मनोज दिवान, राजेंद्र प्रशाद गर्ग, सचिन कुमार, संजय शर्मा,अमित कुमार,नरेश कुमार आहूजा ,पुजारी ध्यानदास,आर्ट ऑफ लिविंग से आचार्य भारत,भरत दास,सरीता दीवान,ओपी नंदवानी, गोवर्धन आचार्य ,अनिल गोड़, यतेंद्र नाथ,विवेकानंद हाई स्कूल संचालिका सावित्री यादव,सुभाष यादव,मास्टर हरेंद्र पुनिया , सुरेंद्र मास्टर,अरविन्द बोंदिया, मनीष,एडवोकेट धीरज सैनी, दिनेश दधीच,राजकुमार जमालपुरिया,डिम्पल बोंदिया, ओमबीर कौशिक,विजय सिंह मार, डॉक्टर जतिन, कुशुम लता,डॉक्टर मोनिका, सुभाष गोयल, बिशम्बर अरोड़ा पंडित रामोतार शर्मा पार्षद पवन सैनी, पार्षद कविता सैनी, विनोद चाट भंडार तेजभूषण शास्त्री ,रघुनन्दन, नत्थू राम केडिया, रमेश, सुशील गुप्ता,प्रवीण बासिया लाडू, बबलू जांगड़ा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button