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बाघ के लिए बिछाया जाल, पिंजरे में भैंस के बच्चे को किया कैद… नहीं आया टाइगर फिर कैसे हुई मौत?

उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहमान खेड़ा में बीते एक महीने से बाघ ने दहशत मचा रखी है. वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक वह सफल नहीं हो पाई है. बाघ अब तक छह मवेशियों का शिकार कर चुका है. वन विभाग की टीम बाघ को शिकार करते तो देखती तो जरूर है, लेकिन पकड़ने में नाकाम रही.

बीते रविवार को कानपुर, लखनऊ और लखीमपुर खीरी से बुलाई गई टीम ने बाघ को पकड़ने की नाकाम कोशिश की. बाघ पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया था, जिसमें भैंस के बच्चे को पिंजरे में रखा गया था कि बाघ लालच में आकर उसका शिकार करेगा और पिंजरे में फंस जाएगा. लेकिन बाघ पिंजरे में नहीं आया. इस बीच, भैंस के बच्चे का पिंजरे में दम जरूर घुट गया और उसकी मौत हो गई. हालांकि, इससे पहले बाघ ने पिंजरे में आकर एक पड़वे का शिकार किया था.

बाघ से इलाके में दहशत

बीते शुक्रवार रात बाघ ने एक गाय पर हमला करके उसका शिकार कर लिया और बाघ पकड़ने वाली विशेषज्ञों की टीम सिर्फ देखती रह गई. बाघ वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. हालांकि, राहत की बात है कि बाघ ने अब तक किसी आदमी पर हमला नहीं किया है.

क्या बोले डीएफओ?

डीएफओ डॉ सीतांशु पांडे ने बताया कि वन विभाग और भारतीय वन्यजीव की टीम ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है. लखनऊ, कानपुर और दुधवा टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई. कंट्रोल रूम को जंगल के एंट्रेंस पॉइंट के पास शिफ्ट कर दिया गया है, ताकि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. बाघ के सुरक्षित और सफल रेस्क्यू के लिए दो वेटनरी डॉक्टरों की टीम और भारतीय वन्यजीव टीम के सदस्य क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रहे हैं. वन विभाग ने यह दावा किया है , 20 बाघ 20 किलोमीटर के दायरे में हैं. जल्दी ही बाघ को पकड़ा जाएगा.

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