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हरियाणा प्रदेश में पशुपालन विभाग द्वारा चलाया जा रहा विशेष टीकाकरण अभियान प्रदेश के 90 लाख के लगभग गाय व भैंसों का मुंहखुर व गलघोटू रोग के लिए टीकाकर अभियान शुरू 23 अक्तूबर से 23 नवंबर तक प्रदेश भर के दुधारू पशुओं को लगाई जाएगी मुंहखुर व गलघोटू की संयुक्त वैक्सीन

पशुधन ऐप पर रखा जाएगा वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड : पशु चिकित्सक पशुओं को वैक्सीनेशन के बाद हल्का बुखार आना सामान्य बात, पशुपालक ना घबराए, जरूरत हो तो दे पशुओं को बुखार की गोली : पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल

वैक्सीनेशन के बाद पशुओं के दूध में कमी ना आए, इसके लिए पांचख्दिनों तक 250-250 ग्राम गुड़ दुधारू पशुओं को देना उचित : पशु चिकित्सक
घर-घर जाकर पशुपालन विभाग की टीमें कर रही है नि:शुल्क वैक्सीनेशन
पशुपालकों ने कहा : पशुपालन विभाग का बेहतरीन अभियान, पशुओं में अब नहीं आएगी मुंहखुर व गलघोटू जैसी बीमारी
भिवानी जिला में 2 लाख 83 हजार गाय व भैंसों को मुंहखुर व गलघोटू का टीकाकरण का रखा लक्ष्य : पशु चिकित्सक
एक भी पशु छूट गया तो समझो सुरक्षा चक्र टूट गया के नारे के साथ काम कर रहा पशुपालन विभाग
भिवानी (ब्यूरो): हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रदेश के 90 लाख से भी अधिक पशुओं को मुंहखुर व गलघोटू रोग से बचाने के लिए सघन टीकाकरण अभियान 23 अक्तूबर से 23 नवंबर तक चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गाय-भैंस जैसे दुधारू पशुओं को मुंहखुर व गलघोटू जैसे रोग से बचाने के लिए दोनों बीमारियों की संयुक्त टीकाकरण करके उन्हे इन बीमारियों से बचाना है। इस अभियान के तहत अकेले भिवानी जिला में आगामी 23 नवंबर तक दो लाख 83 हजार गाय व भैंसों को यह टीका लगाया जा रहा है। पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि भिवानी जिला में 2 लाख 83 हजार गाय व भैंसों को मुंहखुर-गलघोटू टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। यह टीकाकरण का अभियान 23 अक्तूबर से शुरू होकर 23 नवंबर तक चलेगा। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग की टीम पशु चिकित्सक की देखरेख में घर-घर जाकर टीकाकरण का कार्य कर रही है। विभाग ने अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर टीकाकरण के लिए अलग-अलग टीमें लगाई हुई है। उपमंडलाधिकारी व उपनिदेशक भी समय-समय पर टीकाकरण की जांच कर रहे है। यहां तक कि पंचकुला मुख्यालय से भी टीमें फील्ड में हो रहे टीकाकरण की निगरानी रखे हुए है। टीकाकरण के बाद टीमें भारत पशुधन ऐप पर इस टीकाकरण को ऑनलाईन कर रही है। पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि गलघोटू एक जानलेवा बीमारी है और मुंहखुर से पशु बहुत परेशान होता है और किसान को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा प्रदेश है, जहां मुंहखुर-गलघोटू की संयुक्त वैक्सीन प्रयोग हो रही है। जिससे बार-बार टीकाकरण के कारण पशु बार-बार परेशान नहीं होता। विभाग की सक्रियता व टीकाकरण का ही परिणाम है कि पिछले कई वर्षो से हरियाणा में महामारी जैसी समस्या नहीं आई। डा. सनसनवाल ने कहा कि टीकाकरण के लिए पशु पालकों का सहयेाग अति आवश्यक है। कई पशुपालकों को भ्रांति है कि टीकाकरण से दूध कम हो जाता है या फिर गर्भपात हो जाता है। यह बातें निर्थक है। टीका लगने के बाद पशु को बुखार तो हो सकता है, क्योंकि कोई भी वैक्सीन लगने से शरीर विरोध में क्रिया करता है, जो दो दिन बुखार की गोली देने से ठीक हो जाता है। अगर टीकाकरण के बाद दो-तीन दिन 250-250 ग्राम गुड़ दे दिया जाए तो दूध भी कम नहीं होता। फिर भी अगर एक-आध पशु के थोड़ा बहुत दो दिन दूध कम भी हो जाए तो हमें सोचना नहीं चाहिए, क्योंकि पशु का जीवन एक-आध किलो दूध से ज्यादा कीमती है। डा. विजय सनसनवाल ने कहा कि किसी भी पशु का गर्भपात टीका लगने से नहीं होता। गर्भपात का कारण अन्य बीमारी हो सकती है। उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की कि चार महीने से ऊपर की गाय या भैंसों को टीकाकरण अवश्य करवाए। क्योंकि यदि एक भी पशु छूट गया तो समझो सुरक्षा चक्र टूट गया। वहीं पशुपालकों ने बताया कि इस टीकाकरण अभियान से उनके पशु मुंहखुर व गलघोटू जैसी बीमारियों से बच सकेंगे। इससे ना केवल उनके पशुओं की जान बचेगी, बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी कोई कमी नहीं आएगी। यह पशुपालन विभाग का बेहतरीन अभियान है, जिससे पशुपालकों को बढ़ावा मिलेगा।

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