राजनीति

पुराने स्कूटर से लेकर पहली कार तक एक नंबर…1206 को लकी मानते थे विजय रुपाणी, बन गया मौत की तारीख

अहमदाबाद विमान हादसे से पूरा देश स्तब्ध है. इस विमान हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई. जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी शामिल हैं. वह अपनी पत्नी अंजलि और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे. वहीं अब विजय रुपाणी के निधन की तारीख को लेकर एक हैरान कर देने वाल संयोग सामने आया है.

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री के जीवन में एक नंबर था, जो सिर्फ एक अंक नहीं बल्कि उनके लिए भरोसे का प्रतीक था. यह नंबर था 1206, जिसे वो अपने लिए लकी समझते थे. इस नंबर को विजय रुपाणी इतना लकी मानते थे कि स्कूटर से लेकर कार तक उनकी सभी गाड़ियों का नंबर भी शुरुआत से इसी नंबर 1206 से ही होती रही. लेकिन यही संख्या उनके लिए ऐसी अशुभ हुई कि उनकी जान तक चली गई.

सबसे भरोसे वाला नंबर 1206

पूर्व मुख्यमंत्री रुपाणी के लिए 12 जून यानी 12-06 को उनका सबसे भरोसे वाला नंबर 1206 उनके लिए ही नहीं बल्कि उनके परिवार के लिए भी अनलकी साबित हो गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजय रुपाणी का स्कूटर से लेकर पहली कार का नंबर 1206 ही था. यह कार और स्कूटर आज भी उनके घर की पार्किंग में मौजूद हैं. लेकिन, संयोग ही है कि 12-06 ही उनके जीवन की अंतिम तारीख बन गई.

एयर इंडिया का विमान क्रैश

एयर इंडिया का लंदन जा रहा एक विमान गुरुवार दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद मेडिकल कॉलेज कैंपस में क्रैश हो गया. इस हादसे में 265 लोग मारे गए हैं. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी मृतकों में शामिल हैं. वहीं रमेश नाम का एक यात्री, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एआई171) की 11ए सीट पर बैठा था, बच गया है.

इस विमान में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सहित 242 लोग सवार थे. एअर इंडिया के अनुसार, विमान में सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक थे.

11 साल पुराना था विमान

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान को उड़ान भरने के तुरंत बाद एकदम तेजी से नीचे आया और यह क्रैश हो गया. यह विमान 11 साल पुराना था. वहीं लंबी यात्रा के लिए ईंधन टंकी पूरी तरह से भरी रहने का जिक्र करते हुए विमानन विशेषज्ञों ने बताया कि विमान नीचे गिरने से पहले महज 600 से 800 फुट की ऊंचाई पर गया था. उन्होंने कहा कि उपलब्ध वीडियो फुटेज के अनुसार, दोनों इंजन का पूरी क्षमता से काम न करना या पक्षी का टकराना दुर्घटना के संभावित कारणों में से एक हो सकता है.

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