हरियाणा

जींद के कालवन में 2,000 से अधिक विदेशी पक्षियों का जमावड़ा, 45 प्रजातियों की चहचहाहट गूंज रही

जींद: जींद जिले के अंतिम छोर पर स्थित गांव कालवन का पंछी प्रवास स्थल इन दिनों विदेशी पंछियों के आगमन से गुलजार हो गया है. यूरोप, साइबेरिया, चाइना और अन्य ठंडे क्षेत्रों से हजारों किलोमीटर की उड़ान तय करके पहुंच रहे ये मेहमान तालाब के आसपास बसे प्राकृतिक वातावरण में सुकून पा रहे हैं. नवंबर के अंत से शुरू हुआ यह प्रवास फरवरी के आखिर तक जारी रहेगा. इस दौरान कई प्रजातियों के पंछी यहां प्रवास के साथ प्रजनन भी करेंगे.

28 एकड़ में फैला प्राकृतिक आवास: कालवन में स्थित पंछी प्रवास स्थल लगभग 28 एकड़ क्षेत्र में फैला है. तापमान में गिरावट के साथ ही विदेशी प्रजातियों का आगमन तेज हो गया है. आबादी से दूर स्थित तालाब के चारों ओर घना हरियाली, प्राकृतिक पेड़-पौधे और शांत वातावरण इन पंछियों को बिल्कुल उनके मूल पर्यावरण जैसा अनुभव देते हैं. यही कारण है कि हर साल बड़ी संख्या में पक्षी यहां रुकते हैं और सुरक्षित रूप से अपना प्रवास पूरा करते हैं. वन विभाग भी यहां प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के प्रयासों में जुटा है.

45 प्रजातियों के दो हजार से ज्यादा पंछियों का डेरा: इस साल अब तक 45 से अधिक प्रजातियों के लगभग दो हजार विदेशी पंछी कालवन पहुंच चुके हैं. इनमें चाइना से ग्रेटर कोरमोरेंट, कॉमन कूट, नॉर्दर्न शॉवलर, मैलार्ड और नॉर्दर्न पिंटेल शामिल हैं. भूटान से पोचार्ड, साइबेरिया से लार्ज़र व्हिस्लिंग डक और पाइड अवोसेट, वहीं यूरोप से ग्रेटर फ्लेमिंगो जैसे सुंदर और दुर्लभ पंछी यहां के पर्यावरण का हिस्सा बन चुके हैं. इन विविध प्रजातियों की मौजूदगी से प्रवास स्थल और भी जीवंत हो उठा है.

फरवरी तक चलेगा प्रवास, वन विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा: वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक मनबीर खटकड़ के अनुसार इस बार कालवन प्रवास स्थल विदेशी पंछियों को खासा रास आ रहा है. विभाग ने प्रवास अवधि के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है ताकि किसी भी बाहरी हस्तक्षेप या शिकार की घटना न हो.पंछी यहां फरवरी माह के अंत तक ठहरेंगे और यहीं प्रजनन भी करेंगे. मौसम में हल्की गर्माहट लौटते ही ये पंखों के यात्री अपने नन्हे बच्चों के साथ फिर से ठंडे प्रदेशों की ओर लौट जाएंगे.

Related Articles

Back to top button