हरियाणा

दहेज रहित शादी कर दिया समाज को संदेश, मात्र एक रुपया शुगुन लेकर सम्पन्न हुई दहेज रहित शादी

कई जगह तो ऐसा भी सामने आया है कि बारात लड़की पक्ष के दरवाजे पर आने के बाद भी दहेज की मांग पूरा ना होने पर बारात ही वापिस लौट जाती है अथवा वधु की डोली ही नहीं उठ पाती

न्यूज़ डेस्क हरियाणा । नारनौल । संजय शर्मा । आज़ के इस भौतिकवादी युग में जहां आए दिन प्रमुखता से समाचार पत्रों के माध्यम से पढ़ने को मिल रहा है कि दहेज के लोभियों द्वारा किस तरह शादी के एक या दो दिन पहले दुल्हन पक्ष को रिश्ता तोड़ने का फरमान जारी कर दिया जाता है। कई जगह तो ऐसा भी सामने आया है कि बारात लड़की पक्ष के दरवाजे पर आने के बाद भी दहेज की मांग पूरा ना होने पर बारात ही वापिस लौट जाती है अथवा वधु की डोली ही नहीं उठ पाती।
गौरतलब है कि वधु पक्ष के नारनौल मौहल्ला भाटवाड़ा निवासी व संघर्ष समिति के खण्ड प्रधान पतराम खिंची की सुपुत्री अमृता व वर पक्ष के नारायणपुर राजस्थान निवासी हरवंश के सुपुत्र सुनील का विवाह आम सहमति से इस शर्त पर सम्पन्न हुआ कि दोनों पक्ष मात्र एक रुपया शुगुन से सभी रीति-रिवाज सम्पन्न कराएंगे जिसमें जेवरात, फर्नीचर, कपड़ा व नगद राशि आदि का कोई आदान प्रदान नहीं होगा।
गत बुधवार को हुई यह दहेज रहित शादी साधारण समारोह में लोगों के मध्य चर्चा का विषय बनी रही और वर वधू को आशीर्वाद देकर भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए समाज को जागरूक करने का सकारात्मक संदेश दे रहे थे। इस अवसर पर सर्व अनु0 जाति संघर्ष समिति द्वारा लड़की के पिता पतराम खिंची को दहेज रहित शादी करने पर बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की फोटो व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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