अहमदाबाद से नासिक तक छोटे शहरों में घरों की बिक्री में गिरावट, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

मौजूदा वित्त वर्ष की दूसर तिमाही में जहां जीडीपी के आंकड़ों ने दुनिया को चौंका दिया. वहीं दूसरी ओर छोटे शहरों में घरों की सेल ने काफी निराश किया. आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में छोटे शहरों की सेल में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. रिपोर्ट के अनुसार ये रिपोर्ट देश के 15 शहरों को स्टडी करके सामने लाई गई है. जानकारों की मानें तो छोटे शहरों में रियल एस्टेट ग्रोथ का प्रमुख इंजन बना हुआ है. आने वाले दिनों में इसमें इजाफा देखने को मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रिपोर्ट में किस तरह के आंकड़े देखने को मिले हैं.
कहां से आई ये रिपोर्ट?
देश के 15 प्रमुख टीयर-2 शहरों में जुलाई-सितंबर तिमाही में घरों की बिक्री मूल्य के लिहाज से चार प्रतिशत बढ़कर 37,409 करोड़ रुपए हो गई, जबकि बिकने वाली यूनिट्स की संख्या में मामूली गिरावट दर्ज की गई. रियल एस्टेट डेटा मंच प्रॉपइक्विटी ने यह जानकारी दी. प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों के मुताबिक इन 15 शहरों में कुल घरों की बिक्री पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में चार फीसदी घटकर 39,201 रह गई.
नए घरों की सप्लाई में गिरावट
इन 15 टीयर-2 शहरों में अहमदाबाद, सूरत, गांधीनगर, वडोदरा, जयपुर, नासिक, नागपुर, मोहाली, भुवनेश्वर, लखनऊ, भोपाल, कोयंबटूर, गोवा, तिरुवनंतपुरम और कोच्चि शामिल हैं. नए आवास आपूर्ति में सालाना 10 प्रतिशत की गिरावट आई और यह सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही में 28,721 इकाइयों तक रह गई. प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी समीर जसूजा ने कहा कि टीयर-2 शहर भारत की विकास गाथा के प्रमुख इंजन बने हुए हैं. बढ़ते रोज़गार के अवसर, बेहतर बुनियादी ढांचा और मज़बूत संपर्क के कारण आवासीय, व्यावसायिक तथा खुदरा रियल एस्टेट क्षेत्र में निरंतर मांग बनी हुई है.




