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चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की तैयारी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 462 करोड़ रुपये के निवेश और 5 साल का लक्ष्य किया साझा

पंचकूला: देश के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू शुक्रवार को पंचकूला-चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक साथ पहुंचे. इस दौरान दोनों ने मीडिया से रूबरू होते हुए रेल नेटवर्क, विशेषकर पंचकूला चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन बारे जानकारी दी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन में बदला जा रहा है. स्टेशन को मॉड्यूलर डिजाइन नवाचार के साथ बनाया जा रहा है.”

निर्माण कार्य 5 वर्ष से पहले पूरा करने का प्रयास: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “पंचकूला-चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन का प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए पांच वर्ष का समय निर्धारित किया गया है. लेकिन केंद्र सरकार का प्रयास है कि निर्माण कार्य को तय समय सीमा से पहले पूरा कर लिया जाए.” उन्होंने कहा कि “स्टेशन के ऑपरेशनल रहने पर निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने में थोड़ी मुश्किल रहती है, इसके बावजूद निर्माण कार्य को तेजी से पूरा किया जा रहा है.”

स्टेशन पर 462 करोड़ रुपये का निवेश: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “रूफ प्लाजा के माध्यम से पंचकूला और चंडीगढ़ के स्टेशन को आपस में जोड़ा गया है, जो काफी बड़ा एवं खुला है. चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए 462 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. देशभर में कुल 1300 रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण का काम जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50-70 वर्षों के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर स्टेशनों के पुनर्निर्माण का काम शुरू कराया है.” उन्होंने पंचकूला-चंडीगढ़ स्टेशन की छत की ओर इशारा करते हुए कहा कि “क्या कभी सोचा जा सकता था कि स्टेशन ऐसी सूरत में भी दिखाई देगा.”

एससीएल मोहाली 4500 करोड़ रुपये से होगा मॉडर्नाइज: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि “4500 करोड़ रुपये के निवेश से एससीएल (सेमी-कंडक्टर लेबोरेटरी) मोहाली का विस्तार कर उसे मॉर्डनाइज किया जाएगा. नवीन तकनीक लाई जाएगी और साथ ही काफी ऊंचे स्तर पर उत्पादन किया जाएगा. इसके लिए नवीन तकनीक के उपकरण लाए जाएंगे. एससीएल की टीम के साथ विस्तृत चर्चा की गई है. देश भर से छात्र यहां आए, ताकि वे जो सेमी कंडक्टर चिप्स का डिजाइन करते हैं, उसका मैन्युफैक्चरिंग एससील में कर सके. एससीएल देश की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसे और महत्वपूर्ण बनाने और प्रमुख स्थान देने के लिए आज निर्णय लिया गया है.”

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