ग्रेटर नोएडा में नकली ‘RAW’ अफसर गिरफ्तार, फर्जी ID-पैन कार्ड और कई बैंक खातों का खुलासा; UP STF की बड़ी कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा में यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से खुद को भारतीय खुफिया एजेंसी RAW का अधिकारी बताकर लोगों से ठगी कर रहा था. रविवार शाम थाना सूरजपुर क्षेत्र स्थित पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसायटी में दबिश देकर एसटीएफ ने बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले सुनीत कुमार को गिरफ्तार किया. आरोपी के पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, पहचान पत्र और कई बैंकिंग सामग्री बरामद की गई है.
जानकारी देते हुए एसटीएफ के अधिकारी राजेश कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपित संगठित तरीके से धोखाधड़ी का नेटवर्क चला रहा था और एक फर्जी कंपनी तैयार कर लोगों से शेयर बाजार के नाम पर ठगी करने की फिराक में था. हालांकि, इससे पहले ही पुलिस ने आरोपी को ग्रेटर नोएडा की एक सोसाइटी से गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक फर्जी RAW ऑफिसर की आईडी, पहचान पत्र पर उसकी फोटो और फर्जी आधिकारिक पहचान तथा अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
फर्जी अधिकारी ने की ठगी
जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी इसी का फायदा उठाकर लोगों के बीच सरकारी काम करवाने, जांच प्रभावित करने या उच्च स्तरीय संपर्क होने का झांसा देकर उनसे पैसे वसूलता था. वह लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर में एक्टिव था और कई लोगों को अपनी पहचान के झांसे में लेकर ठग चुका है.
आरोपी के फ्लैट से मिले फर्जी दस्तावेज
एसटीएफ के अधिकारी ने यह भी बताया कि आरोपी के फ्लैट से बड़ी मात्रा में संदिग्ध और फर्जी दस्तावेज मिले है. इमसें कई अलग-अलग बैंकों की चेक बुक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, 5 पैन कार्ड, 17 विभिन्न नामों पर तैयार किए गए एग्रीमेंट, 2 आधार कार्ड और 3 वोटर आईडी शामिल हैं. इसके अलावा आरोपी बैंक अकाउंट में करीब 40 लाख रूपये के आसपास रकम भी मिली है. एसटीएफ ने इस अमाउंट को फ्रिज करवा दिया है.
जांच में जुटी एसटीएफ
यह पैसे कहां से आया, क्या यह लोगों से की गई ठगी की रकम है, जैसे कई सवालों की जांच एसटीएफ की टीम कर रही है. प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी कई फर्जी पहचान का उपयोग करता था. अलगअलग नामों पर बैंकिंग दस्तावेज, एग्रीमेंट और आईडी इस्तेमाल करके वह अपने असली नाम को छुपाता था, ताकि किसी भी जांच एजेंसी को उसकी गतिविधियों का आसानी से पता न चले.
एसटीएफ अब उससे पूछताछ कर रही है कि उसके इस नेटवर्क में और कौनकौन शामिल है और उसने किस हद तक लोगों को नुकसान पहुंचाया है. एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि बरामद दस्तावेजों की जांच की जा रही है और उन सभी लोगों की पहचान की जाएगी, जिनके नाम पर फर्जी पहचान बनाई गई है. फिलहाल आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है.




