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भारत के ज्वेलरी व्यापार को ट्रंप टैरिफ ने दिया झटका, देखिए हैरान करने वाले आंकड़े

मौजूदा साल में गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. खासकर अक्टूबर के महीने में विदेशी बाजारों से लेकर लोकल मार्केट तक सोने की कीमतें रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई थी. जिसकी वजह से ज्वेलरी की कीमतें भी आसमान पर पर पहुंच गई थी. उसके ऊपर ट्रंप का टैरिफ भी विलेन बनकर खड़ा था. जिसकी वजह से विदेशी बाजारों में भारत के जेम्स एंड ज्वेलरी की डिमांड कम देखने को मिली और पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले में अक्टूबर के महीने में एक्सपोर्ट में करीब 31 फीसदी की गिरावट देखी गई. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सेक्टर से किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं, आपको भी बताते हैं…

एक्सपोर्ट में 31 फीसदी की गिरावट

उद्योग निकाय जीजेईपीसी के अनुसार, अक्टूबर में भारत का रत्न एवं आभूषण निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 30.57 प्रतिशत घटकर 2168.05 मिलियन डॉलर (19,172.890 करोड़ रुपए) रह गया. रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में इस क्षेत्र का कुल निर्यात 3122.52 मिलियन डॉलर (26,237.1 करोड़ रुपए) का देखने को मिला था. जीजेईपीसी के अध्यक्ष किरीट भंसाली ने बताया कि अक्टूबर में कुल निर्यात में गिरावट मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ लागू होने से पहले मांग में बढ़ोतरी के कारण हुई.

उन्होंने कहा कि त्योहारों के लिए अधिकांश स्टॉक 27 अगस्त से पहले ही जमा हो गया था, इसलिए अक्टूबर में मांग कम रही. सोने और चांदी के निर्यात में गिरावट सर्राफा कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण है. हालांकि, उन्होंने कहा कि नवंबर में निर्यात में फिर से तेज़ी आने की उम्मीद है क्योंकि चीनी बाज़ार धीरे-धीरे सुधर रहे हैं और अन्य प्रमुख बाज़ारों में क्रिसमस की मांग रहेगी.

हीरों के एक्सपोर्ट में आई कमी

अक्टूबर में कटे और पॉलिश किए हुए हीरों का निर्यात 26.97 फीसदी घटकर 1,025.99 मिलियन डॉलर (9,071.41 करोड़ रुपए) रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 1,404.85 मिलियन डॉलर (11,806.45 करोड़ रुपए) था. अक्टूबर में पॉलिश किए गए और लैब में तैयार किए गए हीरों का निर्यात भी 34.90 फीसदी घटकर 94.37 मिलियन डॉलर (834.45 करोड़ रुपए) रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में यह 144.96 मिलियन डॉलर (1,218.25 करोड़ रुपए) था.

गोल्ड ज्वेलरी एक्सपोर्ट में भी गिरावट

गोल्ड ज्वेलरी का निर्यात भी 28.4 फीसदी घटकर 850.15 मिलियन डॉलर (7,520.34 करोड़ रुपए) रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 1,187.34 मिलियन डॉलर (9,975.17 करोड़ रुपए) था. इसी प्रकार, अप्रैल-अक्टूबर के दौरान रंगीन रत्नों का निर्यात 3.21 फीसदी घटकर 250.14 मिलियन डॉलर (2,173.08 करोड़ रुपए) रह गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 258.42 मिलियन डॉलर (2,163.52 करोड़ रुपए) था. आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के दौरान चांदी के आभूषणों का निर्यात 16 प्रतिशत घटकर 121.37 मिलियन डॉलर (1,072.81 करोड़ रुपए) रह गया, जबकि 2024 की समान अवधि में यह 145.05 मिलियन डॉलर (1,219.01 करोड़ रुपए) था.

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