SIR से पहले पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर अफसरों का तबादला, ममता सरकार की रणनीति पर उठे सवाल

पश्चिम बंगाल सरकार ने SIR के ऐलान से ठीक पहले राज्य में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल किया है. नबन्ना (स्टेट सेक्रेटेरिएट) ने एक आदेश जारी कर कुल 64 IAS अधिकारियों समेत 10 जिलाधिकारियों (DM) और 5 WBCS अधिकारियों का तबादला किया है. इसके अलावा कई ADM और SDO को भी तबादले की इस कार्रवाई का सामना करना पड़ा है.
नबन्ना सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह फैसला उन अधिकारियों को लंबे समय से एक ही पद पर तैनात रहने की वजह से किया गया है, नबन्ना का कहना है कि इस कदम से प्रशासनिक संतुलन बनाए रखना में मदद मिलेगी. लेकिन इस निर्देश की समय सीमा इसका अलग ही मतलब निकलवा रही है.
राजनीतिक हलकों में शुरू हुई चर्चा
राज्य में विपक्षी दलों ने इस कदम को राजनीतिक मोड़ दे दिया है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि SIR से पहले ममता सरकार ने ने अपने ‘वफादार’ अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां सौंपी हैं. गौरतलब है कि दोनों 24 परगना, मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे सीमावर्ती जिलों में भी बदलाव किए गए हैं. जहां कई दक्षिणपंथियों ने दावा किया कि यहां बांग्लादेशी वोट हैं.
कुछ प्रमुख जिलों में नए जिलाधिकारी
तबादले की इस कवायद में कुछ प्रमुख जिलों में नए जिलाधिकारी बनाए गए हैं. उत्तर 24 परगना में शरद कुमार द्विवेदी को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है. उनकी जगह IAS शशांक नए जिलाधिकारी बनाए गए हैं.
दक्षिण 24 परगना में सुमित गुप्ता को कोलकाता नगर निगम (KMC) का Municipal Commissioner बनाया गया है. मालदा में शेटी को उत्तर 24 परगना का नया जिलाधिकारी बनाया गया है.
मुर्शिदाबाद में नितिन सिंघानिया नए जिलाधिकारी बने हैं. बीरभूम में ढवल जैन को जिले का नया जिलाधिकारी बनाया गया है. यह बड़े पैमाने पर तबादला प्रशासनिक कार्यों में नई गति लाने के सरकार के इरादे का संकेत दे रहा है, लेकिन विपक्ष इसे SIR जैसी बड़ी परियोजनाओं से जोड़ के देख रहा है.




