कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को पाकिस्तानी नंबर से मिली जान से मारने की धमकी, हाईकोर्ट में लगाई अर्जी

चंडीगढ़ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने अपनी जान और परिवार की सुरक्षा को खतरा बताते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर की है। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से इस मामले में रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया है। बहस के दौरान कोर्ट को बताया गया कि कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए ताजा खतरे के आंकलन के आधार पर सुर्जेवाला की वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का प्रस्ताव दिया है।
सुर्जेवाला को पहले ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी लेकिन हालिया रिपोर्ट में गृह मंत्रालय ने कहा कि उन्हें अब किसी विशेष खतरे की आशंका नहीं है, इसलिए सुरक्षा हटाई जा सकती है। इस पर अदालत ने 11 जुलाई, 2025 को आदेश जारी कर सुर्जेवाला को यह अनुमति दी थी कि वे संबंधित अधिकारियों के समक्ष पेश होकर अपने खतरे के बारे में सभी साक्ष्य और सामग्री 4 सप्ताह के भीतर प्रस्तुत कर सकते हैं।
सुर्जेवाला के वकील आर. कार्तिकेय ने कोर्ट को बताया कि इसी बीच, 11 और 13 सितम्बर, 2025 को सुर्जेवाला को एक पाकिस्तानीमोबाइल नंबर से धमकी भरे ऑडियो नोट्स और कॉल प्राप्त हुए। कॉल करने वाले व्यक्ति ने सुर्जेवाला और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी तथा यहां तक कहा कि वह ग्रेनेड लांचर से उनकी कार पर हमला करेगा। धमकियों के बाद सुर्जेवाला के वकील ने 13 सितम्बर, 2025 को हरियाणा के डी.जी.पी. और दिल्ली पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज करवाई इसके अलावा, 15 सितम्बर को दिल्ली पुलिस अधिकारियों से मिल कर उन्होंने धमकी और सुरक्षा से जुड़ा विस्तृत दस्तावेजी सारांश सौंपा। 20 सितम्बर को भी एक और संक्षिप्त रिपोर्ट अधिकारियों के साथ साझा की गई।
सुर्जेवाला ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि वह सरकार को आदेश दे कि उन्हें वर्तमान सुरक्षा के साथ मोबाइल सुरक्षा कवर भी उपलब्ध करवाया जाए। उनके और उनके परिवार के जीवन एवं स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएं। सुर्जेवाला का कहना है कि अन्य पूर्व सांसदों और विधायकों को मोबाइल सुरक्षा दी गई है, जबकि उन्हें इससे वंचित रखा गया है, स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण है। है, जो सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस सुवीर सहगल ने केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार को 10 नवम्बर के लिए नोटिस जारी कर इस इस मामले में जवाब दायर करने का आदेश दिया है।




