नए सर्वे में बड़ा खुलासा: नीतीश, तेजस्वी या प्रशांत किशोर—कौन बनेगा बिहार का अगला मुख्यमंत्री?

बिहार चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है वैसे-वैसे सियासी तापमान चढ़ता जा रहा है. इस बीच सूबे का सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा क्योंकि एनडीए, इंडिया इंडिया गठबंधन और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले ने लड़ाई दिलचस्प कर दी है. सवाल है कि क्या जेडीयू नेता नीतीश कुमार लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बन पाएंगे या फिर एनडीए की जीत होती है तो क्या बीजेपी किसी नए मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करेगी? वहीं, विपक्ष अगर वापसी करेगा तो उसका मुख्यमंत्री होगा?
सूबे के चुनाव से पहले किए गए कई ओपिनियन पोल्स और सर्वे राज्य के मूड को भांपने की कोशिश कर रहे हैं. बीते दिन गुरुवार को जारी सी-वोटर के एक ऐसे ही सर्वे ने इस बात के संकेत दिए कि बिहार के अगले मुख्यमंत्री के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार कौन है?
कौन है सबसे लोकप्रिय फेस?
सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बने हुए हैं. सर्वे में शामिल लगभग 35 फीसदी लोगों ने तेजस्वी यादव को बिहार के अगले मुख्यमंत्री के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार चुना. इस साल फरवरी से यह संख्या 5 प्रतिशत कम है.
नीतीश कुमार पर कितना भरोसा?
सर्वे के मुताबिक, अगले मुख्यमंत्री के रूप में मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता डगमगा रही है और एक उतार-चढ़ाव भरे मुकाबले में फंसी हुई है. मतदाताओं के बीच वे बिहार के तीसरे सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री हैं. सर्वे में लगभग 16 प्रतिशत लोगों ने उन्हें चुना. नीतीश कुमार की लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव का रुझान देखा गया. फरवरी के ओपिनियन पोल में लगभग 18 प्रतिशत लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए चुना था. अप्रैल में यह संख्या घटकर 15 प्रतिशत रह गई, जून के पहले सप्ताह में बढ़कर 18 प्रतिशत हो गई, फिर अगस्त के दूसरे सप्ताह में घटकर 14 प्रतिशत हो गई और बाद में सितंबर के तीसरे सप्ताह में थोड़ा बढ़कर 16 प्रतिशत हो गई.
प्रशांत किशोर दूसरे नंबर पर
सर्वे में एक चौंकाने वाली बात भी सामने आई है. राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की लोकप्रियता ओपिनियन पोल में सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री के रूप में 23 प्रतिशत तक पहुंच गई है. अगस्त में यह 21 प्रतिशत, जुलाई में 18 प्रतिशत और फरवरी में 14 प्रतिशत थी. 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव नवंबर में होने की उम्मीद है. देश का चुनाव आयोग अगले सप्ताह चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है.