यमुनोत्री और बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख आई सामने, इस दिन तक करें दर्शन

बदरीनाथ, यमुनोत्री, मध्यमहेश्वर और तुंगनाथ धामों के शीतकालीन कपाट बंद होने की तिथियां घोषित हो गई हैं. बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे, जबकि मध्यमहेश्वर 18 नवंबर और यमुनोत्री 23 अक्टूबर को बंद होंगे. तुंगनाथ के कपाट 6 नवंबर 2025 को बंद होंगे. इन प्रमुख तीर्थस्थलों के कपाट बंद होने से पूर्व विशेष पंच पूजाएं और धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे, जिसके बाद श्रद्धालु अगले छह माह तक मां यमुना और अन्य देवों के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर दर्शन कर सकेंगे.
बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को शाम दो बजकर 56 मिनट पर बंद होंगे. कपाट बंद किए जाने के लिए 21 नवंबर से पंच पूजाएं शुरू होंगी. वहीं द्वितीय केदार भगवान मध्यमहेश्वर के कपाट 18 नवंबर से ही बंद हो जाएंगे. कपाट बंद करन के लिए विजयदशमी के अवसर पर ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में पंचांग गणना के हिसाब से तारीख सुनिश्चित की गई.
कब होंगे बंदबदरीनाथ धाम के कपाट ?
जानकारी के मुताबिक, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाने के लिए विजयदशमी पर मंदिर प्रंगाण में वैदिक मंत्र उच्चारण किया गया. इसके साथ ही पंचांग गणना के आधार पर भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन कपाट बंद करने की तारीख निकाली गई. वहीं कपाट बंद किए जाने से पहले सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा. इसके लिए पांच नवंबर 2025 को देवरा प्रस्थान किया जाएगा. इसके बाद छह नवंबर 2025 को बाबा के कपाट सभी श्रद्धालुओं को आगामी 6 महीने के लिए बंद किए जाएंगे.
डोली उसी दिन छह नवंबर को डोली चोपता नागक स्थान में रात्रि विश्राम करेंगे और सात नवंबर को भनकुन पहुंचेगी. और आठ नवंबर को बाबा की डोली तुंगनाथ मंदिर मक्कू में पहुंचेगी. बाबा के आगमन पर तुंगनाथ महोत्सव का आयोजन किया जाएगा.
शीतकाल के बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट
बदरीनाथ धाम के कपाट के अलावा यमुनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. दीवाली के बाद भैया दूज के पावन पर्व पर शीतकाल के यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे. दशहरा पर्व पर मां यमुना के शीतकालीन प्रवास के लिए खरसाली गांव में स्थित यमुना मंदिर में आहूत बैठक हुई. इसी दौरान यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने की तारीख और मुहुर्त निकाला गया.
यमुना मंदिर में आहूत बैठक के दौरान निकाली गई तारीख और मुहुर्त के अनुसार, 23 अक्टूबर को विधि-विधान से धन लग्न अमृत वेला पर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. वहीं इसको लेकर यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि विधि-विधान के साथ विशाखा नक्षत्र आयुष्मान योग धनु लग्न अमृत वेला में छह महीने के लिए शीतकाल के लिए कपाट बंद कर दिए जाएंगे.
कहां होगी मां यमुना की पूजा-अर्चना?
अब अगले छह महीने शीतकाल में मां यमुना के मायके खरसाली गांव में स्थित यमुना मंदिर मां का दर्शन और पूजा अर्चना होगी. वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने से पहले सुबह मां यमुना के भाई सोमेश्वर महाराज शनिदेव की डोली यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी. जो अपनी बहन को लेकर वापस लौटेगी.