बुजुर्गों के सकारात्मक विचार ही घर-परिवार के लिए सुरक्षा कवच : आशा दीदी
ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में मनाया अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस संगम - गौरवपूर्ण वृद्धावस्था एवं सम्मानित जीवन अभियान के तहत हुआ कार्यक्रम

गुरुग्राम, (ब्यूरो): ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम संगम – गौरवपूर्ण वृद्धावस्था एवं सम्मानित जीवन अभियान के तहत हुआ। संस्थान के समाज सेवा प्रभाग द्वारा अभियान की शुरुआत 17 अगस्त को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने की थी। ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि वृद्धावस्था संतुष्टता की आयु है। इस आयु में कोई इच्छाएं नहीं रह जाती। वृद्धावस्था सिर्फ दाता पन की है। उन्होंने कहा कि वृद्ध अवस्था में साक्षीभाव बहुत जरूरी है। बुजुर्गों का असली कार्य केवल उमंग-उत्साह बढ़ाना है। बुजुर्गों की वाणी वरदानी होती है। बुजुर्गों के सकारात्मक विचार घर-परिवार के लिए सुरक्षा कवच बन जाते हैं। बुजुर्ग कभी भी स्वयं को अकेला न समझें। बुजुर्ग परिवार के आधार हैं। बुजुर्ग घर की शान हैं। घर की रौनक हैं। बुजुर्गों का सम्मान ही जीवन में खुशहाली प्रदान करता है। बुजुर्गों का घर में बैठना ही परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है। ओआरसी की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका राजयोगिनी विजय दीदी ने कहा कि उनका जीवन बुजुर्गों का ही आशीर्वाद है। बुजुर्गों की दुआओं और शिक्षाओं से ही उनकी आध्यात्मिक यात्रा आज इतने आगे बढ़ी। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग सदा ही प्रेरणा के स्रोत होते हैं। बुजुर्ग अनुभवी होते हैं। जो बुजुर्गों का सम्मान करते हैं, उनके जीवन में कभी कोई विघ्न नहीं आते। उन्होंने कहा कि संस्था के संस्थापक ब्रह्मा बाबा बुजुर्ग और अनुभवी होने के कारण ही इतने विशाल ईश्वरीय कार्य के आधार बने।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के सेवानिवृत्त मुख्य महाप्रबंधक(विजिलेंस) एमके तिवारी ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के साथ का अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि राजयोग से उनका तनाव समाप्त हो गया। संस्था से जुडऩे के बाद उन्हें किसी भी प्रकार की शारीरिक व्याधि का सामना नहीं करना पड़ा। बीके विद्यात्री ने सभी को एक बहुत सुंदर एक्टिविटी के माध्यम से प्रेरित किया। कार्यक्रम में बीके चांद ने गीत के द्वारा बुजुर्गों के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त की। बीके प्रीति ने बुजुर्गों के प्रति कविता के माध्यम से अपने भाव प्रकट किए। कार्यक्रम में आये कई बुजुर्गों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि बुजुर्गों का जीवन अनुभव की किताब होता है। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग छायादार वृक्ष के समान हैं। कार्यक्रम का संचालन ओआरसी की राजयोग शिक्षिका बीके श्वेता ने किया। साथ ही उन्होंने राजयोग के अनुभव द्वारा शांति की गहन अनुभूति भी कराई। कार्यक्रम में 150 से भी अधिक वृद्धजन एवं अन्य लोग उपस्थित थे।