Dehradun में छह हजार से अधिक उपभोक्ताओं के घर पर छा जाएगा अंधेरा, पीछे है ये वजह; ऊर्जा निगम ने दिया एक और मौका
देहरादून: वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में ऊर्जा निगम बिल वसूली अभियान में जुटा हुआ है। बीते एक माह से प्रदेशभर में बकाया वसूली की जा रही है। साथ ही रिमाइंडर के बाद भी बिल जमा न कराने वालों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं।
हालांकि, मार्च के अंतिम दिनों में ऊर्जा निगम और सख्ती बरतने जा रहा है। दून के शहरी क्षेत्र में ही छह हजार से अधिक बकायेदार निगम की रडार पर हैं। जिनके कनेक्शन काटने की तैयारी है। दो हजार रुपये से दो लाख रुपये तक के इन बकायेदारों को कई बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं।
बिजली बिल वसूली को व्यापक अभियान
ऊर्जा निगम की ओर से अधिक से अधिक बिल वसूली के लक्ष्य के तहत प्रदेशभर में बिजली बिल वसूली को व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। सभी सब स्टेशन में मेगा कैंप लगाने और उपभोक्ताओं को आनलाइन भुगतान के लिए प्रेरित किया जा रहा। इसके साथ ही बड़े बकायेदारों को नोटिस भेजकर बिल जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है, इसके बावजूद भुगतान न करने वालों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। इसके अलावा प्रत्येक उपभोक्ता का फोन नंबर जुटाकर ऊर्जा निगम एसएमएस के माध्यम से भी बिल जारी कर रहा है।
देहरादून के शहरी क्षेत्र में भी बीते कुछ दिनों में कनेक्शन काटने के लिए टीमें रवाना की गईं। अब होली के बाद ऊर्जा निगम बकायेदारों को कोई मौका नहीं देगा। दो हजार रुपये से दो लाख रुपये तक के छह हजार से अधिक उपभोक्ताओं को रिमाइंडर भेजे गए हैं और शीघ्र बिल जमा न कराने पर कनेक्शन काटने की चेतावनी दी गई है।
ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता राहुल जैन ने बताया कि सभी उपभोक्ताओं से समय पर बिल भुगतान की अपील की जा रही है। हालांकि, ऊर्जा निगम बीते वर्ष की तुलना में अधिक राजस्व वसूल कर रहा है, लेकिन इसे और बेहतर करने का प्रयास है।
15 दिन में ही थमा दिए उपभोक्ताओं को बिल
ऊर्जा निगम की ओर से बिलिंग कार्य के लिए अनुबंधित कंपनी के कर्मचारियों को भी उपभोक्ताओं को बिल जारी करने के निर्देश हैं। जिस पर कंपनी के कर्मचारी 12 से 15 दिन में ही बिजली का बिल उपभोक्ताओं को थमा रहे हैं। जिससे उपभोक्ता इसका विरोध कर रहे हैं। माह में दो बार बिल दिए जाने से उपभोक्ताओं में गफलत की स्थिति है।
बंद प्रतिष्ठानों को सेटलमेंट का मौका
शहर में कई ऐसे प्रतिष्ठान व घर हैं, जहां वर्तमान में ताला लगा हुआ है। बंद पड़े ऐसे भवनों में बिजली कनेक्शन पर लंबे समय से बकाया है। जिस पर ऊर्जा निगम की ओर से इसे निस्तारित करने के लिए संपत्ति के स्वामी को सेटलमेंट का मौका दिया है। यदि कनेक्शन बंद कराना है तो उपभोक्ता बकाया राशि का भुगतान कर ऊर्जा निगम को सूचित कर दे, वहीं कनेक्शन जारी रखने के लिए भी नियमित भुगतान करने को कहा जा रहा है।