अस्पताल नवीकरण पर विवाद: 14 करोड़ खर्च को लेकर जनता में उठे सवाल

जींद : हरियाणा के जींद जिले में स्थित सामान्य अस्पताल की 1975 में बनी पुरानी इमारत के 14 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे नवीकरण कार्य पर स्थानीय लोगों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बंसीलाल सरकार के समय निर्मित इस जर्जर इमारत को निजी अस्पतालों की तर्ज पर आधुनिक बनाने की योजना के तहत नवीकरण किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह खर्च महज “लीपापोती” है और इसका कोई ठोस लाभ नहीं दिख रहा।
स्थानीय वकील ने RTI के जरिए मांगी जानकारी
स्थानीय अधिवक्ता सुनील राज बामणिया ने नवीकरण कार्य की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा, “14 करोड़ रुपये के खर्च के नाम पर केवल सतही काम हो रहा है। इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, पहले इसकी मूलभूत मरम्मत जरूरी है।” सुनील ने लोक निर्माण विभाग (PWD) से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत नवीकरण कार्य से जुड़ी सभी जानकारी मांगी है, जिसमें खर्च का विवरण, टेंडर प्रक्रिया और उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, जिसकी गहन जांच जरूरी है।
यूनियन और जनता का विरोध
कुछ दिन पहले यूनियन ने भी इस जर्जर इमारत के नवीकरण पर सवाल उठाए थे। सोशल मीडिया पर जींद की जनता ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। लोग इस खर्च को बेकार और भ्रष्टाचार से भरा बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “14 करोड़ रुपये में नया अस्पताल बन सकता था, लेकिन पुरानी इमारत पर पैसा बर्बाद किया जा रहा है।”
शौचालय भवन को कंडम घोषित करने पर आश्चर्य
नवीकरण कार्य के बीच एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। अस्पताल परिसर में शवगृह के पास 2011 में 11 लाख रुपये की लागत से बना शौचालय भवन कंडम घोषित कर दिया गया है, जबकि 50 साल पुरानी मुख्य इमारत पर भारी-भरकम राशि खर्च की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह प्राथमिकताओं का गलत निर्धारण है।
हरियाणा में नवीकरण की योजना
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार पूरे राज्य में सामान्य अस्पतालों को निजी अस्पतालों की तर्ज पर आधुनिक बनाने के लिए नवीकरण कार्य कर रही है। लेकिन जींद में चल रहे इस प्रोजेक्ट पर स्थानीय लोगों का भरोसा नहीं दिख रहा। जनता मांग कर रही है कि खर्च की पूरी पारदर्शिता हो और जर्जर इमारत की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए।नवीकरण कार्य को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब अब RTI से मिलने वाली जानकारी पर निहरियाणा में 1000 मिलों को मिलेगा डायरेक्ट फायदार्भर करता है। स्थानीय प्रशासन और PWD से इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।