हरियाणा

विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं: शिवरतन गुप्ता

भिवानी, (ब्यूरो): वैश्य महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाईयों द्वारा शहीदी दिवस एवं एन. एस. एस. स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय वीर गाथा वाचन प्रतियोगिता का आयोजन वैश्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गोयल के नेतृत्व एवं महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाईयों के प्रभारी डॉ कामना कौशिक एवं डॉ मोहनलाल की देखरेख में किया गया। प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण समारोह का शुभारंभ वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान एडवोकेट शिवरतन गुप्ता,समाजसेवी सचिन जैन,प्राचार्य डॉ संजय गोयल,डीन एकेडमिक डॉ नरेंद्र सिंह,डीन युवा कल्याण प्रो धीरज त्रिखा, स्वपोषित विभाग की निदेशक डॉ प्रोमिला सुहाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाईयों के प्रभारी डॉ कामना कौशिक एवं डॉ मोहनलाल ने किया। कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन स्वयंसेविका छवि द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में बल्लभगढ़, गुडग़ांव, बहादुरगढ़,हिसार, फतेहाबाद,सिरसा,डबवाली, भिवानी, तोशाम, एवं बहल के महाविद्यालयों के 40 छात्र छात्राओं ने प्रतिभागिता की।प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका पूर्व बैंक अधिकारी सुप्रसिद्ध रंगकर्मी कौशल भारद्वाज, केएम शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव शर्मा एवं बी एल जे एस कॉलेज तोशाम के पूर्व प्राचार्य प्रो यशपाल महता ने निभाई।कार्यक्रम में टाइम कीपिंग का कार्य स्वयंसेवकों लोकेश एवं यशिका ने किया। सभी अतिथियों का स्वागत करते हुएं अपने स्वागतीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ संजय गोयल ने सभी विद्यार्थियों को वीर शहीदो के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढऩे की सीख दी। मुख्यातिथि पधारें वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान एडवोकेट शिवरतन गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्य महाविद्यालय के विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है इसी का परिणाम है कि वैश्य महाविद्यालय के एल्यूमनाई देश में उच्च पदों पर आसीन हैं।युवा वर्ग को चाहिए कि वो अपनी झिझक को दूर करके अपने अंदर की प्रतिभा को पहचान कर आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि आज हम देश के उन वीर शहीदों को नमन करते हैं, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उनका बलिदान हमें सिखाता है कि राष्ट्रहित से बढक़र कुछ नहीं। साथ ही, एन.एस.एस. स्थापना दिवस हमें यह याद दिलाता है कि सेवा ही सच्चा धर्म है। मैं युवाओं से आह्वान करता हूँ कि वे समाज सेवा, राष्ट्र निर्माण और मानवता की भलाई के कार्यों में सदैव अग्रणी रहें। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्वयंसेवकों छवि, संस्कृति, अश्वनी, तुषार, श्रुति, आयशा, बबिता, सलेश, कुणाल, पारुल, यशिका, लोकेश,नीतू, चेतना, दीक्षा, अश्वनी, तुषार गुप्ता, गरिमा, सागर, प्रीतम, जतिन पुनित का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहें।

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