World

अमेरिका में फायरिंग से किर्क की मौत, ट्रंप के खास बनने की कहानी आई सामने

अमेरिका एक बार फिर हिंसा के साए में है. इस बार की गोलीबारी ने सीधे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिल को चोट पहुंचाई है, क्योंकि इसमें उनके सबसे करीबी सहयोगियों में से एक, चार्ली किर्क, की मौत हो गई. खुद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर उनकी मौत की जानकारी दी. ट्रंप ने चार्ली के सम्मान में देश के सभी राष्ट्रीय ध्वजों को आधा झुकाने का आदेश दिया.

चार्ली किर्क, कंजर्वेटिव यूथ ग्रुप टर्निंग पॉइंट यूएसए के सीईओ और को-फाउंडर थे. 31 साल के किर्क बुधवार को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में डिबेट कर रहे थे, तभी उन पर फायरिंग हुई और मौके पर उनकी जान चली गई.ट्रंप ने सोशल मीडिया पर गहरा शोक जताते हुए लिखा कि युवा अमेरिकियों के दिल को कोई उतना नहीं समझ पाया जितना चार्ली. आइए जानते हैं कि आखिर चार्ली किर्क कैसे बने ट्रंप के सबसे खास?

कॉलेज कैंपस से शुरू हुआ सफर

चार्ली किर्क ने 2012 में महज़ 18 साल की उम्र में टर्निंग पॉइंट यूएसए की नींव रखी. शुरुआत आसान नहीं थी, लेकिन उनका एग्रेसिव अंदाज और लिबरल कैंपसों पर जाकर बहस करने का कॉन्फिडेंस धीरे-धीरे उन्हें चर्चा में लाने लगा. यही वो दौर था जब बड़े कंजर्वेटिव फाइनेंसर उनकी ओर खिंचने लगे और किर्क का संगठन रिपब्लिकन राजनीति के केंद्र में आ गया.

ट्रंप के सबसे खास कैसे बने?

किर्क को पहचान मिली 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में. इस दौरान उन्होंने ट्रंप के समर्थन में युवाओं के बीच आक्रामक कैंपेन चलाया. टर्निंग पॉइंट की पॉलिटिकल विंग ने गेट-आउट-द-वोट ड्राइव चलाई, जिससे लाखों ऐसे कंजर्वेटिव वोटर सामने आए जो अक्सर वोटिंग से दूर रहते थे. ट्रंप परिवार से उनकी नजदीकी जगजाहिर थी. 2016 के चुनावों में वो डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के निजी सहयोगी की तरह काम करते थे. बाद में ट्रंप और उनके बेटे, दोनों ही टर्निंग पॉइंट के मंचों पर किर्क की जमकर तारीफ करते नजर आए.

विवादों के साथ भी रहा नाता

किर्क सिर्फ मंचों तक सीमित नहीं रहे. उनका पॉडकास्ट और रेडियो शो लाखों युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय था. हालांकि, उनकी लोकप्रियता के साथ-साथ विवाद भी जुड़े. आलोचकों ने उन पर संगठन की फंडिंग से जुड़े सवाल उठाए और कहा कि टर्निंग पॉइंट की गतिविधियां कई बार केवल कल्चर वॉर शो जैसी लगती हैं. लेकिन 2024 के चुनाव में एरिज़ोना जैसे राज्य में ट्रंप की जीत के बाद किर्क ने इसे अपनी रणनीति की सफलता बताया.

Related Articles

Back to top button