कौन हैं नेपाल के आर्मी चीफ अशोक राज, जिनसे युवाओं के गुस्से के थमने की उम्मीद?

नेपाल में आज तीसरे दिन भी हालात गंभीर है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद भी विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदर्शनकारी युवा संसद भंग करने और नागरिक नेतृत्व वाली सरकार की मांग पर अड़े हैं. हालात बिगड़ने पर सेना ने सीधे हस्तक्षेप किया है. नेपाल आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिग्देल ने जनता से संयम बरतने और संपत्तियों की रक्षा करने की अपील की है.
आज राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी युवाओं और सेना के बीच औपचारिक बातचीत होनी है. मंगलवार रात शीतल निवास में सिग्देल और युवा प्रतिनिधियों के बीच अनौपचारिक चर्चा के बाद यह कदम उठाया गया है. मुख्य एजेंडा संसद को भंग करने, नई सरकार बनाने और चुनाव कराने का होगा. काठमांडू महानगर के मेयर बालेन शाह ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है.सवाल यह है कि क्या वे देश को इस संकट से निकाल पाएंगे?
1 फरवरी 1967 को रुपन्देही जिले में जन्मे अशोक राज सिग्देल 1986 में नेपाल सेना में शामिल हुए और अगले ही वर्ष उन्हें कमीशन मिला. उन्होंने चीन की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से स्ट्रैटेजिक स्टडीज में मास्टर डिग्री हासिल की है, साथ ही त्रिभुवन विश्वविद्यालय से एमए भी किया है. सिग्देल को नेपाल, चीन और भारत में उच्च स्तरीय सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त हुआ, जिसमें भारत का डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स भी शामिल है.
कई अहम पद संभाले हैं
अपने लंबे करियर में वे इंस्पेक्टर जनरल, डायरेक्टर ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के पद पर रहे और बटालियन से लेकर ब्रिगेड और डिवीजन तक का नेतृत्व किया. वे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के तहत यूगोस्लाविया, ताजिकिस्तान और लाइबेरिया में भी तैनात रहे.
सेना प्रमुख बनने तक का सफर
9 सितंबर 2024 को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने उन्हें नेपाल का 45वां सेना प्रमुख नियुक्त किया. इसके बाद दिसंबर 2024 में भारत की आधिकारिक यात्रा पर उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय सेना का मानद जनरल बनाया. यह सम्मान नेपाल और भारत के ऐतिहासिक सैन्य संबंधों का प्रतीक है.




