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पूरी ताकत झोंक दी…फिर भी हूती के कमांडरों को क्यों नहीं मार पाया इजराइल?

इजराइल के रडार पर अब हूती के लड़ाके हैं. सोमवार (25 अगस्त) को इजराइल ने हूती लड़ाकों के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन चलाया. इजराइल ने हूती के मिलिट्री चीफ और यमन के राष्ट्रपति को भी मारने की कोशिश की, लेकिन निशाना चूक गया. इतना ही नहीं, इजराइल के इस ऑपरेशन में आम नागरिकों की तो मौत हुई, लेकिन हूती का एक भी कमांडर नहीं मारा गया.

सवाल उठ रहा है कि पूरी ताकत झोंकने के बाद भी इजराइल हूती के लड़ाकों को क्यों नहां मार पाया? वो भी तब, जब ईरान जैसे देशों में इजराइल का ऑपरेशन सफल रहा है.

क्यों नहीं मार पाया इजराइल?

1. लैंग्वेज डिकोड करना मुश्किल- हूती के लड़ाके आम तौर पर अरबी भाषा की इस्तेमाल करते हैं. इजराइल डिफेंस फोर्स और उसके जासूस इसे डिकोड नहीं कर पा रहे हैं. हाल ही में इजराइल की सरकार ने सभी खुफिया अधिकारियों से अरबी भाषा को सीखने के लिए कहा है.

हूती के लड़ाके कोडवर्ड में बात करते हैं, जिसके कारण उसके गतिविधियों को मोसाद या सीआईए के अधिकारी आसानी से नहीं पकड़ पा रहे हैं. यही वजह है कि इजराइल पूरी तैयारियों के बावजूद हूती के बड़े लड़ाकों को नहीं मार पा रहा है.

2. अधूरी तैयारी एक वजह- ईरान और अन्य देशों में सफल ऑपरेशन चलाने के लिए इजराइल ने कई सालों तक तैयारी की थी. जासूसों का एक ब्रिगेड खड़ा किया था. यमन में अभी तैयारी की प्रक्रिया चल ही रही है.

अल अरबिया ने इजराइली सूत्रों के हवाले से बताया है कि मोसाद के जासूस अभी उन जगहों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं, जो हूती के लिए अहम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल एक साथ इन ठिकानों पर हमला करेगा.

3. कमांडरों का पद पर न होना- ईरान और हमास में कमांडर और अन्य पदों पर आधिकारिक नियुक्ति की गई थी, जिसके कारण इजराइल डिफेंस फोर्स के अधिकारी हूती के कमांडरों का टारगेट किलिंग नहीं कर पा रहे हैं.

हूती के मिलिट्री चीफ अल हूती के अलावा किसी भी कमांडरों का कोई लेखा-जोखा नहीं है. हूती के सभी लोग एक जैसे हैं और पर्दे के पीछे से ऑपरेशन चलाते हैं. हूती के लड़ाके सिर्फ इजराइल पर मिसाइल दागते हैं.

हूती के 3 ठिकानों पर किया अटैक

हूती स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इजराइल ने सोमवार को उसके 3 ठिकानों पर अटैक किया. पहला अटैक राष्ट्रपति भवन के पास किया. दूसरा अटैक सना के बिजलीघर पर किया गया. तीसरा अटैक ईंधन भंडारण सुविधा पर किया गया. इन हमलों में 4 लोगों को मारे जाने की खबर है.

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑपरेशन के बाद एक बयान में कहा- हूतियों को कीमत तो चुकानी पड़ेगी. हूती के विद्रोही बार-बार निर्दोष लोगों पर मिसाइल अटैक कर रहे हैं.

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