जीएसटी स्लैब सरलीकरण से उद्योग और व्यापार को नई गति मिलेगी : दीपक मैनी

न्युज डेस्क हरियाणा । गुरुग्राम । विवेक भाटिया । प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन दीपक मैनी ने जीएसटी दर संरचना में व्यापक सरलीकरण को उद्योग एवं व्यापार जगत के लिए ऐतिहासिक और स्वागत योग्य कदम बताया है। उन्होंने कहा कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) द्वारा प्रस्तावित केवल दो स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की संरचना से जहां टैक्स प्रणाली और पारदर्शी होगी वहीं कारोबारियों को टैक्स अनुपालन में आसानी होगी।
अब तक जीएसटी के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें लागू थीं, जिनके कारण अक्सर व्यापारियों को कैटेगरी निर्धारण और टैक्स कैलकुलेशन में जटिलताओं का सामना करना पड़ता था। दीपक मैनी ने कहा कि दो स्लैब वाली प्रणाली से इस समस्या का समाधान होगा और कारोबारियों का समय तथा संसाधन बचेंगे। उन्होंने इसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सुदृढ़ करने वाला कदम बताया।
उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं और आम आदमी से जुड़ी आवश्यक सामग्री को 5 प्रतिशत की दर में शामिल करने का निर्णय जनहित में है। इससे न केवल उपभोक्ताओं पर भार कम होगा बल्कि मांग भी बढ़ेगी, जो उद्योगों के लिए उत्पादन और रोजगार सृजन में सहायक सिद्ध होगी। वहीं एसी, टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसे उपभोक्ता वस्तुओं को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से व्हाइट गुड्स सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी और घरेलू बाजार का विस्तार होगा।
चेयरमैन ने कहा कि निर्यात और रोजगार सृजन से जुड़े सेक्टरों के लिए विशेष दरों को जारी रखना एक दूरदर्शी नीति का परिचायक है। यह निर्णय भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को मजबूत करेगा और विदेशी बाजारों में भारतीय उत्पादों की स्थिति को और सुदृढ़ बनाएगा।
हालांकि लग्जरी वस्तुओं पर अधिक कर लगाने की सिफारिश से राजस्व संग्रह में वृद्धि होगी और सामाजिक हित की भी रक्षा होगी। अंत में उन्होंने विश्वास जताया कि जीएसटी काउंसिल द्वारा यदि इस प्रस्ताव को अनुमोदन मिल जाता है तो यह न केवल कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि उद्योग जगत, व्यापारियों और उपभोक्ताओं तीनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।9