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CIBIL स्कोर सिर्फ लोन के लिए नहीं, नौकरी के लिए भी जरूरी, भारी पड़ सकती है ये गलती!

हम में से कई लोग सोचते हैं कि सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर का मतलब सिर्फ लोन या क्रेडिट कार्ड लेने तक ही सीमित है. लेकिन अब ये बात सही नहीं है. संसद में हाल ही हुई चर्चा में यह साफ हो गया है कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और सिबिल स्कोर नौकरी पाने में भी अहम रोल निभाते हैं. मतलब ये कि अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब है तो वह आपकी नौकरी पाने में भी बाधा बन सकती है. खासकर बैंकिंग सेक्टर में अगर आप काम करना चाहते हैं तो खराब सिबिल स्कोर आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है.

क्या होता है CIBIL स्कोर ?

सिबिल स्कोर एक ऐसा नंबर होता है जो 300 से लेकर 900 के बीच होता है. यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर आधारित होता है, यानी आपने लोन या क्रेडिट कार्ड के EMI, बिल या कर्ज का कितना सही समय पर भुगतान किया है, इसका हिसाब. ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड इसे जारी करता है, जिसे पहले क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड कहते थे. यह स्कोर बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को यह बताता है कि आप कितने भरोसेमंद उधारकर्ता हैं. भारत में CIBIL के अलावा तीन और क्रेडिट ब्यूरो हैं Experian, Equifax और CRIF High Mark, जो आपके क्रेडिट रिकॉर्ड को ट्रैक करते हैं.

क्रेडिट हिस्ट्री रहेगी साफ तो मिलेगी नौकरी

पिछले कुछ सालों तक बैंकिंग सेक्टर में नौकरी के लिए आवेदन करने वालों के लिए कम से कम 650 का सिबिल स्कोर होना अनिवार्य था. लेकिन इस नियम को लेकर सवाल भी उठे, खासकर उन छात्रों और युवाओं की तरफ जो एजुकेशन लोन चुकाने में दिक्कत महसूस कर रहे थे. राज्यसभा सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने वित्त मंत्रालय से पूछा कि क्या 650 का न्यूनतम स्कोर रखना सही है और क्या सरकार इस नियम के कारण गरीब और मध्यम वर्ग के युवाओं के लिए कुछ कर रही है. इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब दिया कि 2024-25 की बैंक भर्ती (CRP-14) में 650 का स्कोर का नियम हटा दिया गया है. इसका मतलब अब आवेदन करते समय 650 स्कोर नहीं देखना पड़ेगा. लेकिन एक बड़ा कंडीशन यह है कि नौकरी जॉइन करने से पहले उम्मीदवार को अपनी क्रेडिट हिस्ट्री पूरी तरह साफ और अपडेटेड दिखानी होगी.

साफ क्रेडिट हिस्ट्री नहीं तो रद्द हो सकता है ऑफर

अगर किसी उम्मीदवार का क्रेडिट रिकॉर्ड अपडेटेड नहीं होगा या उसमें कोई परेशानी होगी, तो उसे लोन देने वाली संस्था से NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना होगा. इसके बिना बैंक उस उम्मीदवार का जॉब ऑफर कैंसिल भी कर सकता है. यह फैसला पूरी तरह से संबंधित बैंक की नीति पर निर्भर करता है. गौरतलब है कि पिछले साल 2023-24 में, बैंकिंग सेक्टर में नौकरी के लिए आवेदन करने वालों को कम से कम 650 का सिबिल स्कोर और क्लियर क्रेडिट हिस्ट्री दिखानी पड़ती थी.

साफ क्रेडिट हिस्ट्री क्यों ज़रूरी?

आप सोच सकते हैं कि आखिर नौकरी में क्रेडिट हिस्ट्री की क्या भूमिका हो सकती है? दरअसल, बैंकिंग सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों पर खास भरोसा होता है. बैंक अपनी सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिए यह देखना चाहते हैं कि उनके कर्मचारी आर्थिक रूप से जिम्मेदार हैं या नहीं. इसलिए, अब बैंक भर्ती में केवल स्कोर देखने की जगह पूरी क्रेडिट हिस्ट्री का सत्यापन होगा. इसका मकसद यह है कि बैंकिंग कर्मचारियों की वित्तीय साख पर कोई सवाल न उठे और वे भरोसेमंद साबित हों.

ऐसे में अगर आप बैंकिंग सेक्टर में नौकरी चाहते हैं, तो अपनी क्रेडिट हिस्ट्री पर ध्यान दें. समय-समय पर अपना सिबिल स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहें. यदि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में कोई गलती या लोन चुकाने में देरी है, तो उसे सुधारने की कोशिश करें. इससे न सिर्फ आपकी नौकरी के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि आपका फाइनेंशियल हेल्थ भी बेहतर रहेगा.

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