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प्रॉपर्टी आईडी बदल कर बेची करोड़ों की प्रॉपर्टी, नगर निगम बिल्डिंग इंस्पेक्टर गिरफ्तार

यमुनानगर : यमुनानगर के टैगोर गार्डन में करोड़ों की प्रॉपर्टी को कोर्ट के स्टे के बावजूद बेचने का गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले में नगर निगम के दो अफसरों समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसमें से नगर निगम बिल्डिंग इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया है।

शिकायतकर्ता फरीदाबाद के रहने वाले हैं, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी प्रॉपर्टी को साजिश के तहत बेचा गया और सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई। जांच में पाया गया कि विक्रम बक्सी और विशाल बक्सी ने पिछले साल 5 नवंबर को विवादित संपत्ति को बेच दिया। शिकायत में बताया गया है कि पुरानी प्रॉपर्टी आईडी के स्थान पर फर्जी तरीके से नई आईडी बनवाई गई। नई आईडी के लिए आवेदन 28 अक्टूबर की रात 8:53 बजे किया गया, उसी रात नगर निगम के भवन निरीक्षक रामपाल मान ने दस्तावेजों की जांच कर 9:46 बजे सिफारिश भेज दी। 5 नवंबर को सहायक नगर योजनाकार आशीष छाछिया ने इसे मंजूरी दे दी।

पीड़ित योगेश शर्मा ने बताया कि पहले से 140 गज की प्रॉपर्टी की आईडी मौजूद थी, लेकिन फर्जी तरीके से केवल 100 गज की नई आईडी बनाकर प्रॉपर्टी बेची गई। रजिस्ट्री दस्तावेजों में पुरानी आईडी का उल्लेख था, जिसमें कोर्ट केस लंबित होने और स्टे की जानकारी थी। तहसील से लिए गए हलफनामे में विक्रेताओं ने झूठ बताया कि प्रॉपर्टी पर कोई विवाद या स्टे नहीं है।

थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि बिल्डिंग निरीक्षक रामपाल मान ने आरोपियों से 5 लाख रुपए लेकर नकली प्रॉपर्टी आईडी बनाई और इसके बाद रजिस्ट्री कराई गई। इस मामले में एक चार्टर्ड एकाउंटेंट सहित अन्य लोग भी शामिल हैं, जिनकी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। यमुनानगर नगर निगम की मेयर सुमन बहमनी ने कहा कि किसी भी भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों से ईमानदारी से काम करने और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त न करने का आह्वान किया।

इस मामले में थाना यमुनानगर सिटी में भवन निरीक्षक रामपाल मान, सहायक नगर योजनाकार आशीष छाछिया, विक्रम बक्सी, विशाल बक्सी और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। प्रॉपर्टी आईडी बदलने और फर्जी आईडी बनाने का खेल लंबे समय से जारी है। बार-बार शिकायतें उपायुक्त, लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के पास आती रही हैं, लेकिन जांचें अधर में लटकी रहती थीं। अब अतिरिक्त उपायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को भेजी है, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने मामले में कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

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