जिस लाल सागर में आग लगाते हैं हूती लड़ाके वहां मोर्चा संभालेंगी सऊदी की महिला ब्रिगेड

लंबे समय से लाल सागर (Red Sea) में यमन के हूती विद्रोही तांडव मचा रहे हैं. हूती विद्रोहियों ने हाल ही में उन जहाजों को आग लगाने की बात कही है, जो इजराइल के मित्र देश के हैं और इजराइल से व्यापार करते हैं. हूती के निशाने पर सऊदी अरब भी है. सऊदी अरब यमन का पड़ोसी मुल्क है.
अब खबर आ रही है कि हूती विद्रोहियों पर नकेल कसने के लिए सऊदी अरब ने नया तरीका अपनाया है. सऊदी लाल सागर में महिला जवानों की तैनाती करेगा, जो हूती विद्रोहियों से जंग लड़ेंगे.
सऊदी ने कोर रिजर्व के जरिए इन महिलाओं की तैनाती लाल सागर में करने का फैसला किया है.
वुमेन रिजर्व कोर की स्थापना हुई
सऊदी अरब की सरकार के मुताबिक मोहम्मद बिन सलमान रिजर्व कोर के तहत लाल सागर में वुमेन रिजर्व कोर की स्थापना की गई है. इस रिजर्व कोर को महिलाएं ही संभालेंगी और वही लाल सागर के 170 किमी एरिया को मॉनिटरिंग करेंगी.
रिजर्व के सीईओ एंड्रयू जालौमिस के मुताबिक अभी इसमें 34 प्रतिशत महिलाओं को शामिल किया गया है. जो फ्रंटफुट पर कमान संभालेंगी. 2030 में पूरे इलाके की कमान महिलाओं को ही देने की तैयारी है.
सऊदी के लिए क्यों अहम है लाल सागर?
लाल सागर सऊदी की सीमा से लगता है. यहां के करीब 3,856 वर्ग किमी एरिया की मॉनिटरिंग सऊदी खुद करता है. सामरिक दृष्टिकोण से भी लाल सागर सऊदी के लिए काफी अहम है. लाल सागर के एक भाग पर सऊदी की मजबूत उपस्थिति से यहां ईरान का दबदबा नहीं बढ़ पाया है.
लाल सागर को बिजनेस के दृष्टिकोण से सऊदी का लाइफ लाइन भी कहा जाता है. स्वेज नहर के जरिए यहां से यूरोप और भूमध्य सागर में व्यापारिक गतिविधियां आसान हो जाती है.
लाल सागर के एक हिस्से पर यमन के हूती विद्रोहियों का कब्जा है. हूती विद्रोहियों के डर से यहां से अब अधिकांश मालवाहक जहाज नहीं गुजर रहे हैं. अमेरिका ने हाल ही में हूतियों से समझौता किया था, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.
लाल सागर प्रवाल प्रजाति, हॉक्सबिल, ग्रीन कछुए, स्पिनर डॉल्फिन, डुगोंग, व्हेल शार्क और महत्वपूर्ण ग्रे मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र का भी घर है.