एक साथ जलेंगी 3 मासूमों की चिताएं: कैथल में 3 चचेरे भाइयों की जोहड मे डूबने से मौत, पूरे गांव में पसरा मातम…

कैथल: कैथल जिले के सहारण गांव में बुधवार की शाम एक ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया। खेल अभ्यास के बाद नहाने गए तीन मासूम चचेरे भाइयों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। हादसा उस वक्त हुआ, जब वे दलदली तालाब में नहाने उतरे और कीचड़ में फंस गए। ग्रामीणों ने बच्चों को बाहर निकाला जरूर, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
दौड़ का अभ्यास कर तालाब में उतरे,
मृतकों की पहचान आठ वर्षीय नमन, आठ वर्षीय वंश और नौ वर्षीय अक्ष के रूप में हुई है। तीनों आपस में चचेरे भाई थे और रोजाना गांव के खेल मैदान में दौड़ का अभ्यास करते थे। बुधवार शाम करीब साढ़े सात बजे, अभ्यास के बाद वे पास के तालाब में नहाने चले गए। लेकिन तालाब में अधिक कीचड़ और दलदली सतह होने के कारण तीनों उसमें फंसते चले गए और डूब गए।
10 साल की बच्ची की सूझबूझ से चला पता, लेकिन नहीं बची जान
उसी दौरान तालाब के पास से एक 10 वर्षीय बच्ची गुजर रही थी, जिसने बच्चों को पानी में संघर्ष करते देखा और शोर मचाया। उसकी आवाज सुनकर ग्रामीण दौड़े और बचाव कार्य शुरू किया। तीनों बच्चों को बाहर निकाला गया और तुरंत कैथल के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
नमन था इकलौता बेटा, पूरे गांव में पसरा मातम
नमन अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसकी केवल दो बहनें हैं। वहीं वंश और अक्ष भी अपने-अपने परिवारों में छोटे बेटे थे। तीनों बच्चों के पिता किसान हैं और माताएं गृहिणी। सरपंच सुदेश ने बताया कि यह गांव के इतिहास का सबसे दुखद दिन था। “तीन परिवारों पर एक साथ दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। एक ही गलती ने तीन जिंदगियों को निगल लिया।”
परिजन बोले- कोई शिकायत नहीं करनी, शव ले गए घर
थाना तितरम प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी, लेकिन परिजनों ने किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया। बच्चे का शव अस्पताल से सीधे गांव ले जाया गया।
सवाल छोड़ गया हादसा
यह दर्दनाक हादसा ग्रामीणों और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी है। सार्वजनिक स्थानों जैसे तालाबों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं हैं? बच्चों की निगरानी क्यों नहीं की जा रही थी? इन सवालों के जवाब जरूरी हैं ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां दोहराई न जाएं।